Comments on: एकला चलो रे – रवींद्रनाथ ठाकुर का सुप्रसिद्ध बंगला गीत https://inditales.com/hindi/ekla-chalo-re-hindi-rabindranath-thakur/ श्रेष्ठ यात्रा ब्लॉग Sun, 23 May 2021 16:04:54 +0000 hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 By: Anuradha Goyal https://inditales.com/hindi/ekla-chalo-re-hindi-rabindranath-thakur/#comment-825 Sun, 23 May 2021 16:04:54 +0000 https://inditales.com/hindi/?p=2244#comment-825 In reply to प्रदीप खोपकर.

मुझे इस गीत का अर्थ अत्यंत भाया, खासकर तब जब इसे बाऊल बाबा से सुना

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By: प्रदीप खोपकर https://inditales.com/hindi/ekla-chalo-re-hindi-rabindranath-thakur/#comment-824 Sun, 23 May 2021 13:54:55 +0000 https://inditales.com/hindi/?p=2244#comment-824 अनुराधा जी-मीता जी,
एकला चलो रे….गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर जी की कालजयी रचना ! गुरुदेव द्वारा रचित यह गीत सही में प्रेरणादायी और ऊर्जा से परिपूर्ण हैं । आलेख में इस गीत के बारे में बहुत ही सुंदर जानकारी दी गई है तथा साथ में दिये विडियो में प्रसिद्ध गायकों ने इसे बड़ी ही सुंदरता से गाया है , परन्तु इस गीत को, मधुर भाषा बंगाली में सुनने से एक अलग ही अनुभूति होती हैं ।
गुरुदेव की आवाज़ में गीत का उपलब्ध न होना दुर्भाग्यपूर्ण है ।
सुंदर आलेख हेतु धन्यवाद !

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