थाईलैंड यात्रा Archives - Inditales श्रेष्ठ यात्रा ब्लॉग Wed, 14 Jun 2023 06:05:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.4 बैंकॉक के उल्लसित रंग बिरंगे तैरते बाज़ार https://inditales.com/hindi/thailand-bangkok-tairte-bazaar-paryatak-sthal/ https://inditales.com/hindi/thailand-bangkok-tairte-bazaar-paryatak-sthal/#respond Wed, 04 Oct 2023 02:30:50 +0000 https://inditales.com/hindi/?p=3190

बैंकॉक के निकट स्थित तैरता बाजार थाईलैंड का एक विशेष आकर्षण है। यह थाईलैंड का एक ऐसा चिन्हक है जो थाईलैंड को उसकी वास्तविक पहचान देता है। आप थाईलैंड भ्रमण पर जाएँ तथा आपको तैरते बाज़ार के दर्शन ना हों, ऐसा संभव ही नहीं है। ये बाजार थाईलैंड में सर्वव्यापी हैं। कुछ समय थाईलैंड में […]

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बैंकॉक के निकट स्थित तैरता बाजार थाईलैंड का एक विशेष आकर्षण है। यह थाईलैंड का एक ऐसा चिन्हक है जो थाईलैंड को उसकी वास्तविक पहचान देता है। आप थाईलैंड भ्रमण पर जाएँ तथा आपको तैरते बाज़ार के दर्शन ना हों, ऐसा संभव ही नहीं है। ये बाजार थाईलैंड में सर्वव्यापी हैं। कुछ समय थाईलैंड में व्यतीत करने के पश्चात हम इनकी उपस्थिति से इतने सहज हो जाते हैं कि कभी कभी उनकी उपस्थिति का आभास ही नहीं होता।

बैंकाक के तैरते बाज़ार
बैंकाक के तैरते बाज़ार

थाईलैंड के लगभग सभी प्रमुख नगरों में तथा उसके आसपास स्थित तैरते बाजार में आप जा सकते हैं। बैंकॉक में भ्रमण करते समय भी आपको कई तैरते बाजारों में जाने का अवसर प्राप्त होगा। थाईलैंड पर्यटन में इन तैरते बाजारों के भ्रमण का प्राधान्यता से प्रचार किया जाता है। विशेषतः बैंकॉक  के प्रथम भ्रमण पर आये पर्यटकों के लिए यह बैंकॉक के मुख्य आकर्षणों में से श्रेष्ठतम माना जाता है। मैं भी उनसे सहमति रखता हूँ।

इन तैरते बाजारों में से कुछ बाजार ऐसे हैं जिन्हें विशेष रूप से पर्यटकों के लिए बनाया गया है। ऐसे बाजार पर्यटकों से भरे रहते हैं। वहीं कुछ तैरते बाजार ऐसे हैं जहाँ सामान्य आवश्यकताओं की वस्तुएं उपलब्ध रहती हैं। उन बाजारों में अधिकांशतः स्थानीय लोगों की उपस्थिति रहती है। मेरा सुझाव है कि आप इन दोनों प्रकार के बाजारों का कम से कम एक भ्रमण अवश्य करें।

तैरते बाज़ार क्या है?

एक ठेठ तैरता बाजार एक ऐसा बाजार है जहाँ विक्रेता अपनी नौकाओं पर विभिन्न वस्तुएं रखकर उनकी विक्री करते हैं। विक्री की जाने वाली इन वस्तुओं में सब्जियाँ, फल, ताजे फूल व दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुएं होती हैं तो दूसरी ओर पर्यटकों के लिए जलपान, शरबत आदि से लेकर स्मारिकाओं तक की विक्री की जाती है।

अम्फवा के तैरते बाज़ार
अम्फवा के तैरते बाज़ार

इन विक्रेताओं के ग्राहक तट पर चलते लोगों से लेकर अन्य नौकाओं पर सवार लोगों तक हो सकते हैं। इस प्रकार के बाजार विशेषतः दक्षिणपूर्वी एशिया में अत्यंत सामान्य हैं तथा अत्यधिक लोकप्रिय हैं जहाँ की नदियाँ एवं नहरें वहाँ के बड़े समुदाय के व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु हैं।

प्राचीन काल में एक रीत थी जो थाईलैंड के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी प्रचलित है, वह यह कि तैरते बाज़ार बहुधा मंदिर के आसपास ही स्थित होते हैं। ये बाज़ार दैनिक प्रातःकालीन बाज़ार अथवा साप्ताहिक बाज़ार या रात्रिकालीन बाज़ार हो सकते हैं। यहाँ तक कि ये नदी के तट पर तैरते बाज़ार भी हो सकते हैं।

मंदिरों को नगर का केंद्र बिंदु माना जाता है। अधिकाँश मंदिरों में एक सार्वजनिक स्थल होता है जहाँ उत्सवों के समय लोग एकत्र होते हैं। मंदिरों के निकट नदी अथवा कोई अन्य जल स्त्रोत हो तो उन पर दुकानें लगाई जाती हैं। यदि यही बाज़ार पर्यटन के उद्देश्य से बनाया जा रहा हो तो मंदिर से निकटता की बाध्यता नहीं रहती, जैसा की आधुनिक काल में देखा जा रहा है।

व्यंगोक्ति – अनेक अवसरों पर floating market, इस शब्द का एक भिन्न अर्थ भी होता है। ऐसा बाजार जो एक स्थान पर स्थिर नहीं है, स्थानांतरित होता रहता है, जैसे साप्ताहिक बाजार। ऐसे साप्ताहिक बाजार बहुधा लोकप्रिय मंदिरों के परिसर के चारों ओर लगाए जाते हैं। विशेष उत्सवों से संबंधित कुछ विशेष बाजार मंदिर परिसर के भीतर भी लगाये जाते हैं। अर्थात् ऐसे बाजारों में नौकाएं नहीं होती।

आपको यहाँ स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों का आस्वाद लेने का अवसर अवश्य प्राप्त होगा। वह भी पास से बहती नदी अथवा नहर के सुन्दर दृश्यों का आनंद उठाते हुए। जैसे सराबुरी का बैन टौन टैन नदीतट का बाजार

बैंकॉक के निकट लोकप्रिय तैरते बाज़ार

थाईलैंड के बैंकॉक के निकट स्थित कुछ तैरते बाजार इस प्रकार हैं, जहाँ आप अपने थाईलैंड भ्रमण के समय अवश्य जाएँ।

दामियाँन सदुआक – बैंकॉक के विशालतम तैरते बाज़ार

दामियाँन सदुआक बैंकॉक का, कदाचित सम्पूर्ण थाईलैंड का विशालतम तैरता बाजार है। अधिकांश पर्यटक बैंकॉक भ्रमण के अंतर्गत यहाँ अवश्य आते हैं। यह बाजार विशेषतः पर्यटन की दृष्टि से विकसित प्रतीत होता है। स्वाभाविक ही है कि यह बाजार पर्यटकों से भरा रहेगा। यह अच्छा भी है तथा कष्टकारक भी।

दामियाँन सदुआक बैंकॉक का तैरता बाज़ार
दामियाँन सदुआक बैंकॉक का तैरता बाज़ार

एक ओर यहाँ पर्यटकों की चहल-पहल रहती है तो दूसरी ओर भीड़ के चलते कुछ असुविधा भी हो सकती है। एक ओर यहाँ यह अच्छा है कि अधिकतर विक्रेता अंग्रेजी भाषा बोलते व समझते हैं। यहाँ तक पहुँचने के साधन भी सुलभ हैं। दूसरी ओर पर्यटकों को ठगने के लिए तत्पर कुछ असामाजिक तत्व भी यहाँ विचरण करते रहते हैं। पर्यटकों को देखकर विक्रेता अपनी वस्तुओं के दाम भी बढ़ा देते हैं। अतः सावधान रहें। आप उचित मूल्य के लिए उनसे मोलभाव कर सकते हैं।

नहर से लगा हुआ जो बाजार है, आप उसका आनंद अवश्य उठायें। यहाँ दोनों प्रकार की दुकानें हैं, धरती पर भी तथा नौकाओं पर भी। पर्यटकों के लिए यहाँ का एक आकर्षण यह भी है कि आप नौका सवारी करते हुए यहाँ के स्थानिकों को दैनन्दिनी जीवन व्यतीत करते हुए निकट से देख सकते हैं।

बैंकॉक से अनेक एक-दिवसीय निर्धारित भ्रमण कराये जाते हैं जिनके द्वारा आप दामियाँन सदुआक आ सकते हैं। अन्यथा आप स्वयं भी टैक्सी द्वारा यहाँ पहुँच सकते हैं। बैंकॉक की सीमा पर स्थित साई ताई माई वैन टर्मिनल से बस द्वारा भी आप दामियाँन सदुआक पहुँच सकते हैं।

और पढ़ें: सपरिवार पर्यटकों के लिए बैंकॉक के रात्रिकालीन जीवन का दर्शन – ८ प्रमुख आकर्षण

अम्फवा का तैरता बाजार

दामियाँन सदुआक के समीप ही एक अन्य तैरता बाजार भी लोकप्रिय है। आप अपना दिवस सुनियोजित कर एक-दिवसीय भ्रमण के रूप में दोनों तैरते बाजार एक ही दिन में देख सकते हैं। अम्फवा का तैरता बाजार वास्तव में एक मछुआरों का गाँव था जिसे अब एक व्यावसायिक संकुल के रूप में विकसित किया गया है। इसीलिए यहाँ का बाजार पर्यटन संबंधी कम प्रतीत होता है।

सांझ ढले अम्फवा का बाज़ार
सांझ ढले अम्फवा का बाज़ार

नहर के दोनों ओर सागवान लकड़ी के चबूतरों पर सस्ता बाजार है। यहाँ आप प्रमाणिक व सस्ते स्थानीय थाई व्यंजनों का आस्वाद ले सकते हैं। इस बाजार में अधिकांशतः स्थानिक ही आते हैं, अतः आप स्थानिकों की जीवन शैली को भी समीप से देख सकते हैं। यहाँ आप सस्ते दामों पर नहर के जल में नौका सवारी कर सकते हैं।

इस बाजार में भ्रमण का एक अन्य कारण यह भी है कि यहाँ से आप निकट ही स्थित ट्रेन बाजार भी जा सकते हैं। जी हाँ, इस बाजार के मध्य से रेलगाड़ी जाती है। रेलगाड़ी आने से पूर्व वे अपना समान एकत्र कर लेते हैं तथा गाड़ी जाते ही पुनः बाजार लगा लेते हैं। यदि आप दामियाँन सदुआक आये हुए हैं तो आप वहाँ से टैक्सी द्वारा अम्फवा तैरता बाजार पहुँच सकते हैं।

और पढ़ें: राचाप्रसॉन्ग भ्रमण – बैंकॉक में हिन्दू देवी देवताओं के दर्शन

डॉन वाई तैरता बाजार

अब हम उस तैरते बाज़ार की चर्चा करेंगे जिनकी पर्यटन दृष्टि से लोकप्रियता कम है। डॉन वाई ऐसा ही एक तैरता बाजार है जो स्थानीय लोगों में लोकप्रिय है। आपको यहाँ कदाचित एक भी विदेशी पर्यटक ना दिखाई दे। डॉन वाई तैरता बाजार बैंकॉक के पश्चिमी ओर, नखोन पथोम प्रान्त में स्थित है। इसकी अवस्थिति ग्रामीण क्षेत्र की होने के कारण आप यहाँ की प्रमाणिक स्थानिक जीवन शैली का अनुभव ले सकते हैं।

डॉन वाई तैरता बाजार
डॉन वाई तैरता बाजार

यह तैरता बाज़ार डॉन वाई मंदिर के ठीक पीछे स्थित है। जब आप मंदिर को पार कर रहे होंगे, तभी आपको यह ज्ञात होने लगेगा कि इस क्षेत्र के अधिकाँश लोग इस स्थानीय बाजार में रविवार का दिवस आनंद से व्यतीत करते हैं। यहाँ उपलब्ध वस्तुओं एवं दुकानों के विविध प्रकार आपको दंग कर देंगे। यहाँ वस्त्रों, परिधानों, पौधों, खिलौनों आदि के विविध प्रकारों से लेकर स्थानीय व्यंजनों एवं थाई नाश्तों के अनेक प्रकार उपलब्ध हैं।

यह बाज़ार एक नहर के तट पर स्थित है जहाँ कुछ विक्रेता नौकाओं पर भी दुकानें लगाते हैं। इस नहर में आपको कुछ विशाल नौकाएं भी दृष्टिगोचर होंगी जो समीप स्थित एक अन्य प्रमुख मंदिर तक जाती हैं। आप उन नौकाओं द्वारा वहाँ तक जा सकते हैं जहाँ से आगे आप अपने होटल जा सकते हैं। यदि यह नौका सवारी संध्याकाल में की जाए तो यह एक आनंदित नौका सवारी सिद्ध हो सकती है।

यदि आप सड़क मार्ग द्वारा यहाँ पहुँचना चाहें तो अंतिम MRT स्थानक (लाक सौंग) से लगभग ३० मिनट का समय लगता है। आप एक या दो बस लेकर यहाँ आ सकते हैं अथवा टैक्सी द्वारा सीधे इस बाजार तक पहुँच सकते हैं।

और पढ़ें: अयुध्या या अयुथिया – बैंकॉक की प्राचीन राजधानी में क्या क्या देखें?

बंग्नामफुएंग तैरता बाज़ार

बंग नाम फुएंग तैरता बाज़ार एक सुन्दर ग्रामीण बाजार है जो बंग कचाओ नामक द्वीप पर स्थित है। बंग कचाओ को बैंकॉक के फेफड़े भी कहते हैं। यह एक घोड़े की नाल के आकार का द्वीप है जो चाओ फ्राया नदी के वृत्ताकार मार्ग के कारण उत्पन्न हो गया है। इस द्वीप के मुख्य आकर्षण हैं, इसे आच्छादित करते सघन विशाल वृक्ष तथा ग्रामीण क्षेत्रों की निश्छल सुन्दरता। नदी पार कर इस क्षेत्र में प्रवेश करते ही ऐसा प्रतीत होता है मानो आप किसी दूसरे ही विश्व में प्रवेश कर रहे हों।

यह बाज़ार बंग कचाओ के मध्य में स्थित है। सप्ताहांत में यह तैरता बाजार ग्राहकों से भरा रहता है। जैसा कि मैंने पहले कहा, यह आवश्यक नहीं कि सभी तैरते बाज़ार नौकाओं पर ही स्थित हों। नदी पर लटकते चबूतरों पर भी बाजार स्थित हो सकते हैं। यह ऐसा ही एक बाज़ार है। यहाँ अनेक दुकानों में स्थानीय उत्पादों की विक्री की जाती है। इस बाजार में आप जहाँ भी जाएँ, यह नदी सदा आपकी सहचारिणी होती है। यहाँ ताजे थाई नाश्ते, सामिष व्यंजन, केक, शहद, मिष्टान्न आदि विविध व्यंजन उपलब्ध रहते हैं।

बाज़ार के साथ साथ यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है, स्वयं बंग कचाओ द्वीप। आप घने वृक्षों के मध्य स्थित इस शांत ग्रामीण द्वीप का भ्रमण कर सकते हैं। बैंकॉक की भीड़-भाड़ से दूर जाना चाहते हों तो यह एक उत्तम स्थल है।

तलिंग छान तैरता बाज़ार

तलिंग छान तैरते बाज़ार की लोकप्रियता का एक कारण बैंकॉक से इसकी निकटता है। यह ना तो बैंकॉक के भीतर है, ना ही बैंकॉक से अधिक दूरी पर स्थित है। आप इस तैरते बाज़ार तक किसी भी टैक्सी द्वारा शीघ्र ही पहुँच सकते है। अथवा आप लाल लाइन के SRT द्वारा तलिंग छान स्थानक तक पहुँचकर वहाँ से पैदल चलकर इस बाजार तक पहुँच सकते हैं।

तलिंग छान तैरता बाज़ार
तलिंग छान तैरता बाज़ार

यद्यपि भूमि पर स्थित अधिकाँश दुकानों में आपको नियमित थाई मसाले मिलेंगे तथापि जल पर तैरती नौकाओं में आपको अधिक आकर्षक वस्तुएं दृष्टिगोचर होंगी। उन नौकाओं में आपको कुछ नूडल विक्रेता मिलेंगे जहाँ से आप नूडल लेकर नहर में तैरते जलपान गृहों में खा सकते हैं।

किन्तु मेरे अनुमान से इस स्थान का सर्वोत्तम आकर्षण है, नौका सवारी। आप इस तैरते बाज़ार से लम्बी पूँछ की सार्वजनिक नौका अथवा निजी नौका की सेवा किराये पर ले सकते हैं जो आपको थौन बुरी के आसपास के अप्रतिम सौन्दर्य का दर्शन करा सकते हैं। यह १०० वर्ष पूर्व के बैंकॉक का दर्शन करने जैसा अनुभव होगा। सवारी करते हुए आप मछलियों को दाना खिला सकते हैं, समीप स्थित मंदिर जा सकते हैं तथा दर्शन कर वापिस आ सकते हैं। रोमांचक ना हो तब भी यह एक स्फूर्तिदायक अनुभव अवश्य होगा।

और पढ़ें: थाईलैंड के शाकाहारी पर्यटकों के लिए शाकाहारी थाई व्यंजनों की सूची

बैंकॉक के निकट तैरते बाजारों के दर्शन के लिए कुछ यात्रा सुझाव

तैरते हुए खाने का आनंद
तैरते हुए खाने का आनंद
  • किसी भी तैरते बाज़ार के दर्शन से पूर्व इन्टरनेट पर उसके प्रवेश शुल्क संबंधी जानकारी अवश्य ग्रहण कर लें। अधिकाँश तैरते बाजारों में प्रवेश निशुल्क है। यदि प्रवेश शुल्क हो तो उसे अधिकृत टिकट खिड़की से ही प्राप्त करें। वहाँ आपकी भेंट कुछ घोटाले कर्ताओं से हो सकती है जो आपको अत्यधिक मूल्य पर ये प्रवेश उपलब्ध कराने का झांसा दे सकते हैं।
  • उसी प्रकार, ठगी वृत्ति के कुछ व्यक्ति आपको घेर सकते हैं जो आपको तुरंत नौका उपलब्ध कराने का प्रलोभन देकर आपसे अत्यधिक मूल्य वसूल कर सकते हैं। प्रत्येक तैरते बाज़ार में नौका सवारी खिड़की होती है जहाँ से आपको उनके सटीक मूल्य ज्ञात हो सकते हैं। साधारणतः इन नौकाओं में समूहों में अथवा निजी रूप में सवारी का प्रबंध किया जाता है। समूह में सवारी की जाए तो कम मूल्य में यह उपलब्ध हो जाती है। निजी सवारियों का मूल्य अधिक होता है।
  • साधारणतया खाद्य पदार्थों के मूल्य स्थिर होते हैं तथा सूचना पटलों पर अंकित होते हैं। किन्तु थाईलैंड भ्रमण की स्मृति में कुछ उपहार अथवा स्मारिकाएं क्रय करना चाहें तो उनके मूल्यों में उतार-चढ़ाव देखे जाते हैं। कुछ भी क्रय करने से पूर्व अन्य दुकानों से उनके मूल्यों की पूर्व जानकारी अवश्य लें। आप निस्संकोच मोलभाव कर सकते हैं।
  • बाज़ार में भ्रमण करते समय तथा नौका सवारी करते समय अपना फोन, व्यक्तिगत सामान एवं अपने पर्स संभलकर अपने पास रखिये। यद्यपि जेबकतरी सामान्य नहीं है तथापि भीड़भाड़ भरे क्षेत्रों में भ्रमण करते समय तथा जल के समीप विचरण करते समय यदि ये गिर जाएँ तो उन्हें वापिस प्राप्त करना कठिन हो सकता है। साथ ही नौका सवारी के समय अपने फोन को जलनिरोधक आवरण से ढँक लें।

यह एक अतिथि संस्करण है जिसे दि स्टुपिड बेयर नामक यात्रा संस्करण की लेखिका स्निग्धा जायसवाल ने लिखा है। उनका यात्रा संस्करण दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया के अनछुए व रोचक पर्यटन स्थलों के विषय में व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराता है।

अनुवाद: मधुमिता ताम्हणे

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राचाप्रसॉन्ग भ्रमण – बैंकॉक में हिन्दू देवी देवताओं के दर्शन https://inditales.com/hindi/ratchaprasong-heritage-walk-bangkok/ https://inditales.com/hindi/ratchaprasong-heritage-walk-bangkok/#comments Wed, 08 Nov 2017 02:30:22 +0000 https://inditales.com/hindi/?p=517

राचाप्रसॉन्ग अर्थात् राजप्रसंग को बैंकॉक के ह्रदयस्थली होने का गौरव प्राप्त है। राचाप्रसॉन्ग एक व्यस्त व्यावसायिक जिला है। इसका क्षितिज आकाशीय रेल व आकाशीय पैदल भ्रमण-पथ से अटा हुआ है। इसके मध्य खड़े होकर जिस भी दिशा में निहारें, आपको ऊंची ऊंची इमारतें व भव्य बाजार दृष्टिगोचर होंगे। जैसे ही मुझे यहाँ स्थित हिन्दू मंदिरों […]

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बैंकॉक में हिन्दू देवी देवता
बैंकॉक में हिन्दू देवी देवता

राचाप्रसॉन्ग अर्थात् राजप्रसंग को बैंकॉक के ह्रदयस्थली होने का गौरव प्राप्त है। राचाप्रसॉन्ग एक व्यस्त व्यावसायिक जिला है। इसका क्षितिज आकाशीय रेल व आकाशीय पैदल भ्रमण-पथ से अटा हुआ है। इसके मध्य खड़े होकर जिस भी दिशा में निहारें, आपको ऊंची ऊंची इमारतें व भव्य बाजार दृष्टिगोचर होंगे। जैसे ही मुझे यहाँ स्थित हिन्दू मंदिरों की श्रंखला के निमित्त जानकारी प्राप्त हुई, मेरी आँखें उन्हें उपवीथिकाओं में तलाशने लगीं। क्योंकि मैंने मन ही मन मान लिया था कि बैंकॉक के व्यस्ततम मुख्य सडकों पर तो मंदिर स्थित नहीं हो सकते। परन्तु ज्यों ही मेरी दृष्टी इन मंदिरों के पैदल भ्रमण हेतु उपलब्ध मानचित्र पर पड़ी, मुझे अपनी मिथ्या धारणा का बोध हुआ। राचाप्रसॉन्ग चौक व्यापार मंडल द्वारा प्रकाशित इस मानचित्र का अनुसरण करते हुए एक दिन मैं चिटलॉम आकाशीय स्थानक पहुँच गयी। मेरे मन में बैंकॉक के वाणिज्य व आध्यात्मिकता के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की अनुभूति प्राप्त करने की तीव्र इच्छा थी।

बैंकॉक के ह्रदयस्थली स्थित राचाप्रसॉन्ग का पैदल भ्रमण

राचाप्रसॉन्ग भ्रमण  - बैंकॉक का मानचित्र
राचाप्रसॉन्ग भ्रमण – बैंकॉक का मानचित्र

बैंकॉकवासियों की मान्यता अनुसार इन मंदिरों में उनकी सर्व इच्छाएं पूर्ण करने की क्षमता है। संभवतः इस मान्यता का ही प्रभाव है कि बैंकॉक का हर सामान्य नागरिक इन मंदिरों के समक्ष कुछ क्षण ठहर कर मन ही मन प्रार्थना करता है। उनकी इस श्रद्धा की अनुभूति मुझे इस पैदल भ्रमण के समय हुई।

आइये मैं आपको भी राचाप्रसॉन्ग स्थित इन सात मंदिरों के दर्शन कराती हूँ।

एरावन मंदिर

एरावन मंदिर - बैंकॉक
एरावन मंदिर – बैंकॉक

स्थानीय भाषा में फ्रा फ्रॉम नाम का यह मंदिर एरावन मंदिर के नाम से सर्वप्रसिद्ध है। यह राचाप्रसॉन्ग के सात तीर्थस्थलों में सर्वाधिक लोकप्रिय मंदिर है। यह मंदिर सृष्टि के रचयिता ब्रम्ह देव को समर्पित है। यहाँ यह कहना अनुचित नहीं होगा कि मुझे थाई भाषा में ब्रम्हा और फ्रा फ्रॉम की ध्वनी में समानता प्रतीत हुई। जब भी कोई आप से ब्रम्हा मंदिर के केवल पुष्कर में ही स्थित होने की चर्चा करे, तब आप गर्व से कह सकतें हैं कि उनकी छत्रछाया दक्षिण-पूर्व एशिया तक पसरी हुई है। एरावन, यह शब्द इंद्र देव के वाहन गजराज ऐरावत के नाम पर आधारित है। हालांकि मुझे ऐरावत व ब्रम्ह के बीच किसी सम्बन्ध की जानकारी नहीं है। संभवतः यहाँ स्थित एरावन विश्रामगृह के नाम पर इस मंदिर का नामकरण हुआ था क्योंकि इस विश्रामगृह के कारण ही इस मंदिर का निर्माण यहाँ किया गया था। एरावन मंदिर राचाप्रसॉन्ग का विशालतम मंदिर है।

ब्रम्हा की प्रतिमा

एरावन मंदिर की संरचना एक खुले मंदिर की तरह है जिसके मध्य में ब्रम्हा की एक चमकदार, उजली व चौमुखी प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि इस प्रतिमा के चार पक्ष, चार मुख्य दिशाओं की ओर स्थित है। लोगों की मान्यता है कि इस तरह ब्रम्हा चारों दिशाओं में स्थित भक्तों की देखभाल करतें हैं।

मंदिर के सम्मुख स्थित मार्ग पुष्प व धूपबत्ती विक्रेताओं से भरा रहता है। भक्तगणों के आदर्श चढ़ावे में १२ धूपबत्तियाँ, ४ मोमबत्तियां, ४ चमेली अथवा गेंदे के हार व ४ सोने की पत्तियों का समावेश होता है। भारत के मंदिरों में हम जिस तरह परिक्रमा करतें हैं, उसी तरह इस मंदिर की भी दक्षिणावर्त परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा करते समय ३ धूपबत्तियाँ, १ मोमबत्ती, १ हार व १ स्वर्णपत्री प्रतिमा के हर पक्ष को समर्पित की जाती हैं व भक्तगण अपनी इच्छा भगवान् के समक्ष व्यक्त करतें हैं। एरावन मंदिर में व्यक्त की गयी इच्छा पूर्ण होने पर ब्रम्हा का धन्यवाद शास्त्रीय नृत्य व संगीत का आयोजन कर की जाती है। संभवतः हमारे मंदिरों में इसी कारण अनेक सभामंड़प बनाए जाते थे।

एरावन प्रतिमा की गाथा

यह एक अनोखी कथा है। इस तीर्थस्थल का निर्माण सं १९५८ में किया गया था जब एरावन विश्रामगृह अर्थात् वर्तमान का “ग्रैंड हयात एरावन” की स्थापना की जा रही थी। इस होटल के निर्माण के समय कई दुर्घटनाएं घटित होने पर एक ब्राम्हण को उपाय सुझाने हेतु बुलवाया गया। इस स्थल के निरीक्षण के उपरांत उन्होंने यहाँ ब्रम्हा के मंदिर की स्थापना का सुझाव दिया। उसी समय से यह मंदिर भक्तों का निरीक्षण कर रहा है व उन्हें सौभाग्य प्रदान कर रहा है। बैंकॉक में ब्राम्हण शब्द सुनते ही मेरे कान खड़े हो गए। पूछने पर ज्ञात हुआ कि ब्राम्हण का थाई समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। राजा के राजकाज सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर आज भी उनकी राय ली जाती है।

मार्च २००६ में कुछ असामाजिक तत्वों ने ब्रम्हाजी की मूर्ति भंग की थी। इस मूर्ति का पुनर्निर्माण पूर्व मूर्ति के टुकड़ों, बहुमूल्य धातु व काले लाख के उपयोग से किया गया था व उसे स्वर्णपत्रियों का आवरण चढ़ाया गया। इस मूर्ति का एक प्रतिरूप राष्ट्रीय संग्रहालय में भी रखा गया है ताकि भविष्य में किसी भी संरक्षणात्मक आवश्यकता की पूर्ति की जा सके।

इंद्रदेव का मंदिर

इंद्र देव की प्रतिमा - बैंकॉक
इंद्र देव की प्रतिमा – बैंकॉक

राचाप्रसॉन्ग में मैंने अपनी मंदिर दर्शन यात्रा दक्षिणावर्त दिशा में इन्द्रदेव मंदिर से ही आरम्भ की थी। इसलिए इस मंदिर ने मेरे मानसपटल पर अमित छाप छोड़ी है। अमरीन प्लाजा के समक्ष स्थित इस इंद्र मंदिर को अमरिन्दराधिराज के नाम से भी जाना जाता है। गहरे हरे रंग के हरिताश्म में बनी यह मूर्ति, हाथ में वज्र धरे, एक ऊंची पीठिका पर स्थापित है। इस प्रतिमा के चारों ओर रखे कई छोटे बड़े हाथियों की मूर्तियाँ असल में इन्द्रदेव को अर्पित उनका मनपसंद चढ़ावा हैं। संभवतः भक्तगण भगवान् इंद्र को उनका प्रिय वाहन ऐरावत हाथी समर्पित करते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें गेंदे के पुष्प व धूपबत्ती का भी चढ़ावा चढ़ाया जाता है। मैंने यहाँ राह चलते लोगों को रूककर, जूते उतारकर, हाथ जोड़ प्रार्थना करते देखा। वे अपने दिन की शुरुआत इन्द्रदेव की प्रार्थना से करते हैं। उनके चहरे पर विदित भक्तिभाव अन्य लोगों को भी शान्ति प्रदान करता है।

नारायण मन्दिर

नारायण प्रतिमा - बैंकॉक
नारायण प्रतिमा – बैंकॉक

बैंकॉक के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल के समक्ष, मुख्य सड़क के एक ओर, भगवान् विष्णु के रूप में नारायण की प्रतिमा उनके प्रिय वाहन गरुड़ की मूर्ति के ऊपर स्थित है। १९९७ में स्थापित यह आकर्षक व नवीन पवित्र मूर्ति भक्तों के व्यवसाय का रक्षण करती है व भक्तों को बुरी आत्मा से बचाती है। उपलब्ध साहित्यों द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुई कि यहाँ नारायण को केवल पीले रंग की वस्तुएं ही अर्पित की जाती हैं, जैसे गेंदे के पुष्प, पीताम्बर, पीले रंग के मिष्टान्न इत्यादि।

नारायण की यह अप्रतिम मूर्ति पावन धाम की अपेक्षा, शिल्प कलाकृति ज्यादा प्रतीत होती है। मैं इस प्रतिमा के सामने से कई बार गुजरी, परन्तु मैंने यहाँ किसी भक्त को प्रार्थना अर्पण करते नहीं देखा।

लक्ष्मी मंदिर

लक्ष्मी प्रतिमा - बैंकॉक
लक्ष्मी प्रतिमा – बैंकॉक

जहां नारायण, वहीं उनकी अर्धांगिनी लक्ष्मी देवी। राचाप्रसॉन्ग में नारायण धाम से कुछ मंजिल ऊपर लक्ष्मी देवी का निवास है। गेसौर्न इमारत के चौथे मंजिल पर गुलाबी साड़ी में लिपटी, लक्ष्मी देवी की मूर्ति कमल के पुष्प पर स्थापित है। लक्ष्मी देवी अपने भक्तों पर समृद्धि की वर्षा करती है। धन की देवी लक्ष्मी को समृद्धि की प्रतीकात्मक वस्तुएं अर्पित की जाती हैं, जैसे गुलाबी कमल, सिक्के, गन्ने और गन्ने का रस। गन्ने और गन्ने के रस से मुझे अपने कृषिप्रधान पूर्वजों का स्मरण हो आया जिनके लिए अपनी उपज से बड़ा कोई धन नहीं था।

यह मंदिर सुबह १० बजे के बाद ही खुलता है और इसके दर्शन हेतु चार मंजिलों की सीडियां चढ़नी पड़ती हैं। खुली छत के कोने से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो देवी लक्ष्मी राचाप्रसॉन्ग के अधिकतम भागों का निरिक्षण व संरक्षण कर रही हैं।

त्रिमूर्ति मंदिर

त्रिमूर्ति प्रतिमा - बैंकॉक
त्रिमूर्ति प्रतिमा – बैंकॉक

त्रिमूर्ति कोई और नहीं बल्कि हिन्दू त्रिदेव ब्रम्हा, विष्णु और महेश ही हैं। प्रकृति के तीन गुणों का प्रतिनिधित्व करते त्रिदेव सृष्टि के सर्वशक्तिशाली तत्व हैं। इन्हें भारत में दत्त भगवान् भी कहा जाता है। दत्त भगवान् की तरह ही यहाँ भी त्रिमूर्ति अर्थात् ब्रम्हा, विष्णु और महेश्वर, चार श्वान व एक गौमाता के साथ विराजमान हैं। चार श्वान चार वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं व गौमाता अर्थात् कामधेनु भक्तों की इच्छाओं व कामनाओं की पूर्ती करती है।

मुझे बताया गया कि थाई समाज की नवीन पीढ़ी त्रिमूर्ति को प्रेम का देवता मानती है। संभवतः इसीलिये मैने यहाँ कई युवाओं को प्रेम की आस लिए प्रार्थना करते देखा। इस प्रेम के देवता को लाल वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। लाल मोमबत्तियां, लाल गुलाब, लाल अगरबत्तियां, लाल रंग के फल इत्यादि इनमें प्रमुख हैं। यहाँ के लोगों की एक अनोखी मान्यता है कि हर मंगलवार व गुरूवार को रात ९.३० बजे के बाद त्रिमूर्ति देव लोगों की प्रार्थना सुनाने स्वयं पधारते हैं। मेरी यह कोशिश रहेगी कि अपनी अगली यात्रा के समय मैं मंगलवार अथवा गुरूवार की शाम को यहाँ उपस्थित रह सकूं और देख सकूं, किस तरह लोग प्रत्यक्ष त्रिमूर्ति से प्रार्थना करते हैं।

यह सब देख अचरज हो आता है, किस तरह पौराणिक कथाओं से कुछ विश्वास व कुछ भ्रांतियों को जोड़कर हम इसे अपने यथार्थ का हिस्सा मानने लगते हैं और एक नई आस लेकर भविष्य में पदार्पण करते हैं।

गणेश मंदिर

गणेश प्रतिमा - बैंकॉक
गणेश प्रतिमा – बैंकॉक

भगवान् शिव और पार्वती देवी के पुत्र श्री गणेश का मंदिर राचाप्रसॉन्ग के भव्य बाजार “सेंट्रल वर्ल्ड” के सम्मुख, त्रिमूर्ति मंदिर के बगल में स्थित है। स्वर्ण रूप में बनी गणेशजी की विशालकाय मूर्ति एक छोटे से मंडप के नीचे स्थापित है जिसके समक्ष लोग आकर प्रार्थना करते हैं। भगवान् गणेश को हर तरह के खाद्यान्न अर्पित किये जाते हैं, जैसे मिठाई, फल, मोदक इत्यादि।

उमा मंदिर

उमा देवी प्रतिमा - बैंकॉक
उमा देवी प्रतिमा -बैंकॉक

यह मंदिर, गणेश मंदिर के समक्ष, मार्ग के दूसरी तरफ स्थित है। हालांकि उपलब्ध साहित्य में इस मंदिर का उल्लेख नहीं है, तथापि इसे आकाशीय स्थानक में उपलब्ध नक़्शे में अवश्य दर्शाया गया है। इसलिए मैंने शक्ति माँ के भी दर्शन का निश्चय किया। इनकी मूर्ति भी स्वर्ण रूप में बनी है व इसके चारों ओर सूक्ष्म प्रतिमाएं रखी हुई हैं। यहाँ मैंने ज्यादा भक्तों का झुण्ड नहीं देखा। परन्तु इनके दर्शन बिना मेरा देवदर्शन पूर्ण नहीं होता, क्योंकि यही देवी शक्ति का स्त्रोत है।

उमा देवी की प्रतिमा के चारों ओर रखी सूक्ष्म प्रतिमाओं में कुछ अपने हाथ फैलाए व कुछ सादे बैठे हुए दिखाई पड़े। इन्हें श्रीफल व कुछ अन्य फलों का चढ़ाव चढ़ाया गया था। इस मूर्ति के समक्ष दो शेरों की भी प्रतिमाएं स्थापित हैं।

मेरे इस पैदल भ्रमण में मैंने कुछ अत्यंत पवित्र स्थल व कुछ अतिविशाल और भव्य बाजारों को साथ साथ देखा। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वे एक दूसरे के पूरक हैं व एक दूसरे के अस्तित्व का हिस्सा हैं। इन व्यापारिक संस्थानों के कर्मचारियों का विशवास स्थल हैं ये मंदिर। ठीक उसी तरह ये मंदिर इन संस्थानों को समृद्धि व सौभाग्य प्रदान करती हैं।

अनुवाद: मधुमिता ताम्हणे

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