सिक्किम का गंगटोक नगर – सामान्य पर्यटन बिन्दुओं से परे

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भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटे से राज्य सिक्किम की राजधानी है, गंगटोक। हिमालय पर्वत माला के अंतर्गत कंचनजंगा पर्वत श्रंखला की तलहटी पर बसा गंगटोक नगर एक सुन्दर पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों में अत्यंत लोकप्रिय है। सिक्किम के पूर्व में स्थित नाथुला दर्रा एवं उत्तर में स्थित युमथांग दर्रा, दोनों के लिए गंगटोक एक प्रवेशद्वार है।

गंगटोक में गौतम बुद्ध
गंगटोक में गौतम बुद्ध

सन् १८९० में सिक्किम के चोग्याल राजाओं ने सर्वप्रथम गंगटोक को अपनी राजधानी नियुक्त की थी। तब से यह सिक्किम की राजधानी रही है। सिक्किम कोलकाता जैसे भारतीय नगरों एवं नेपाल व भूटान जैसे अन्य देशों के मध्य व्यापार मार्ग रहा है। जब आप पर्वत शिखर पर स्थित रूमटेक मठ जायेंगे तब आप वहाँ से पर्वत की ढलान पर बसे सम्पूर्ण नगर को देख सकते हैं। रात्रि के समय यहाँ से सम्पूर्ण नगर के टिमटिमाते प्रकाश के अप्रतिम दृश्य तो देखते ही बनते हैं।

गंगटोक को आरम्भ में गंग-टो कहा जाता था।

गंगटोक एक छोटा सा नगर है जो पहाड़ी भूभाग पर स्थित है। यहाँ भ्रमण करने के लिए पहाड़ी मार्गों पर चढ़ना-उतरना पड़ता है। किन्तु छोटा नगर होने के कारण शीघ्र ही आप इसके भूगोल से अवगत हो जाते हैं। गंगटोक भ्रमण करने के लिए हम जब भी टैक्सी की सेवायें लेते थे, वे हमें गंगटोक के १० प्रचलित पर्यटन बिन्दुओं पर ले जाने का आग्रह करते थे। हमने उनमें से कई पर्यटक बिन्दुओं का अवलोकन भी किया। किन्तु हमें इस पर्वतीय नगर में पदभ्रमण करने में सर्वाधिक आनंद आया।

गंगटोक नगर का पदभ्रमण

गंगटोक में अनेक ऐसे आयाम हैं जो इसे एक उत्तम निवसन नगर बनाते हैं। जो यहाँ निवास नहीं करते, उन्हें भी भ्रमण हेतु यहाँ आते रहने के लिए बाध्य कर देते हैं। गंगटोक के ऐसे ही विशिष्ट आयामों को आपके साथ साझा कर रही हूँ जिन्हें मैंने अनुभव किया है।

गंगटोक – एक पुष्प नगर

गंगटोक में आप जहाँ भी जायेंगे, स्वयं को रंगबिरंगे पुष्पों से घिरा हुआ पायेंगे। मैं उन वनीय पुष्पों के विषय में नहीं कह रही हूँ जो पहाड़ों की ढलान पर प्रस्फुटित हैं। ये ऐसे पुष्प हैं जिनके पौधों की यहाँ के निवासियों ने बड़े जतन से बागवानी की है। प्रत्येक निवास परिसर के भीतर रंगबिरंगे पुष्पों के पौधे हैं। कुछ भूमि पर तो कुछ गमलों में। कहीं लटकते हुए गमलों में पुष्पों से भरे पौधे घरों की सुन्दरता बढ़ा रहे हैं तो कहीं परिसर की भित्तियों पर चढ़ाई गयी बेलों पर खिले पुष्प पथिकों को आनंदित करते हैं। मार्गों पर पदभ्रमण करते हुए आप जहाँ भी देखें, रंगबिरंगे पुष्प आपका मन मोह लेंगे। यहाँ का वातावरण भी उनके लिए सुयोग्य है।

गुलाबी आर्किड
गुलाबी आर्किड

नगर के मध्य में एक पुष्प प्रदर्शनी है जिसमें इस क्षेत्र के भिन्न भिन्न पुष्पों एवं पौधों की प्रदर्शनी वर्ष भर लगी रहती है।

हरा आर्किड
हरा आर्किड

हमने भी इस पुष्प प्रदर्शनी का आनंद लिया। विशेष रूप से भिन्न भिन्न प्रकार के ऑर्किड पुष्पों ने हमारा मन मोह लिया था। विशेषतः हरे रंग के ऑर्किड ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया था।

हर तरफ फूल - गंगटोक
हर तरफ फूल – गंगटोक

गंगटोक के पुष्पीय आयाम का चरम बिंदु है, नगर की भित्तियों की सतह पर लटकती थैलियाँ जिनमें मिट्टी भर कर पौधे उगाये गए हैं। इन पौधे से प्रस्फुटित पुष्प सम्पूर्ण भित्तियों को रंगबिरंगा बना देते हैं। एक नगर को सुन्दर बनाने का यह कितना साधारण, कम लागत का, आसान तथा प्राकृतिक साधन है। देश के अन्य नगरों में भी ऐसे उपक्रम होने चाहिए।

जहाँ जहाँ किंचित मात्रा में भी मिट्टी हो, उनमें से छोटे छोटे रंगबिरंगे पुष्प झांकने लगते हैं। यह उनकी उत्तरजीविता कौशल नहीं है तो क्या है!

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गंगटोक नगर के पदभ्रमण मार्ग

गंगटोक के प्रत्येक वाहन मार्ग के साथ एक पदभ्रमण मार्ग संलग्न है जहाँ पादचारी सड़कों पर दौड़ते वाहनों से निर्लिप्त मुक्तता से चल सकते हैं। सर्वप्रथम घाटी की ओर स्थित पदभ्रमण मार्गों ने मेरा लक्ष भेदा। वे कभी मार्ग के ही स्तर पर होते हैं तो कभी घाटी की ओर लटकते चबूतरे सी संरचना पर होते हैं। किन्तु कुछ क्षणों पश्चात मैंने सड़कों के इस ओर भी पदभ्रमण मार्गों को देखा। पादचारियों के ये मार्ग कभी ऊपर कभी नीचे जाते हैं लेकिन उनके लिए अखंड मार्ग उपलब्ध कराते हैं।

गंगटोक के पद्भ्रमण पथ
गंगटोक के पद्भ्रमण पथ

नामग्याल तिब्बत अध्ययन संस्थान के दर्शन के पश्चात हम इन पदभ्रमण मार्गों द्वारा गंगटोक नगर में भ्रमण करने लगे। हमने एक सुन्दर हवाई मार्ग भी देखा जो व्यस्त वाहन मार्गों के ऊपर से जाता है।

सड़क किनारे पैदल पथ
सड़क किनारे पैदल पथ

मुझे पैदल चलना अत्यंत प्रिय है। मेरा मानना है कि हमारे सभी नगरों में पैदल चलने वालों के लिए समर्पित पदभ्रमण मार्ग उपलब्ध होने ही चाहिए। मुझे सिक्किम में यह देख अत्यंत प्रसन्नता हुई कि एक पहाड़ी नगर के सीमित भूभाग में कुशल आधारभूत संरचना का विकास कार्य इस प्रकार किया गया है कि पादचारी चाहें तो सम्पूर्ण नगर को पैदल चलते हुए पार कर सकते हैं।

इन पदभ्रमण मार्गों की एक अद्वितीय विशेषता यह है कि उन पर चलते हुए हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं का अप्रतिम परिदृश्य दृष्टिगोचर होता रहता है। यहाँ-वहाँ स्थित कुछ रंगबिरंगे भवन उन परिदृश्यों की सुन्दरता को दुगुना कर देते हैं।

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वाहन मुक्त एम जी मार्ग

भारत के लगभग सभी नगरों में एक मार्ग अवश्य होता है जिसका नाम महात्मा गाँधी मार्ग रखा जाता है। गंगटोक में भी एक मार्ग का नाम महात्मा गाँधी मार्ग है। इस मार्ग पर महात्मा गाँधी की एक प्रतिमा स्थापित है जो गंगटोक में आपका स्वागत करती प्रतीत होती है। इस मार्ग की एक विशेषता है कि यह एक वाहन मुक्त मार्ग है।

एम् गी मार्ग गंगटोक
एम् गी मार्ग गंगटोक

इस मार्ग पर भिन्न भिन्न प्रकार की दुकानें, जलपान गृह, कैफे तथा विश्राम गृह हैं। पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोग भी इस वाहन मुक्त मार्ग पर उन्मुक्त होकर पैदल चलने का आनंद उठाते हैं। बच्चे बिना किसी भय के यहाँ-वहाँ दौड़ते व क्रीड़ा करते हुए अपने बालपन का आनंद उठाते दिख जाते हैं। मार्ग के मध्य में बैठने की पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की गयी हैं जहाँ बैठकर आप तनिक विश्राम कर सकते हैं, आसपास के प्रफुल्लित वातावरण का आनंद उठा सकते हैं अथवा आपस में बतिया सकते हैं।

उफात क्रय करने की दुकानें
उफात क्रय करने की दुकानें

गंगटोक नगर का मुख्य मार्ग हो तथा पुष्पों का उल्लेख ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है? मार्ग के बीचों-बीच एक पंक्ति में बिजली के खम्बे हैं जिन पर सुन्दर आवरणों के भीतर बिजली के लट्टू लटके हुए हैं। इस पंक्ति के दोनों ओर बैठने की सुविधाएं दी गयी हैं। इन्ही खम्बों से पौधों के गमले भी लटके हुए हैं जिनमें सुन्दर पुष्प खिले रहते हैं।

इस मार्ग में उत्तम कैफे हैं, नारायण दास मिष्टान्न भण्डार जैसे स्वादिष्ट चाट की दुकानें हैं तथा रंगबिरंगे स्मृति चिन्हों की दुकानें हैं। इस मार्ग पर स्थित विविधताओं ने ही मुझे सिक्किम के स्मृति चिन्हों पर आधारित संस्मरण लिखने की प्रेरणा दी थी।

भित्ति-चित्रण कला अथवा ग्राफिती

गंगटोक नगर में अनेक भित्तियों पर ग्राफिटी अथवा आधुनिक भित्ति चित्र हैं। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसी आधुनिक भित्ति चित्रण कला सम्पूर्ण भारत में प्रचलित होती जा रही है। मेरा मानना है कि प्रत्येक नगर का स्वयं का एक वैशिष्ट्य होता है, एक इतिहास होता है, स्वयं का एक ताना-बाना होता है जो उसे एक पृथक परिचय देता है। इसलिए प्रत्येक नगर में भित्ति चित्रण कला का प्रदर्शन करते हुए उसके इसी ताने-बाने को प्रदर्शित करना चाहिए, ना कि एक दूसरे का अँधा अनुसरण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अखिल भारत का वैशिष्ट्य भी प्रदर्शित किया जा सकता है।

गंगटोक की सड़कों पे चित्रकारी
गंगटोक की सड़कों पे चित्रकारी

मुझे प्रसन्नता है कि गंगटोक में भित्तिचित्रों पर यहाँ की संस्कृति व परंपरा दृष्टिगोचर होती है। मैंने इन भित्तियों पर अधिकांशतः बुद्ध तथा कमल पुष्प जैसे बौद्ध चिन्हों का चित्रण देखा।

महात्मा गाँधी मार्ग के अंत में बुद्ध का एक विशाल भित्तिचित्र है।

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यहाँ आकर मुझे यह ज्ञात हुआ है कि गंगटोक में दिसंबर मास में एक वार्षिक शीत उत्सव आयोजित किया जाता है जिसे विंटर कार्निवल कहते हैं। इस उत्सव के लिए भिन्न भिन्न कलाकार यहाँ आते हैं तथा भित्तियों पर रंगबिरंगे भित्ति चित्र रंगते हैं।

रचना पुस्तक कैफे

इसके विषय में मुझे पूर्व जानकारी नहीं थी। यह मेरे लिए एक रोचक खोज थी। मेरी इस खोज ने मुझे अत्यंत आनंदित भी किया। यद्यपि मेरी एक सखी ने मुझसे गंगटोक के किसी पुस्तक कैफे अथवा बुक कैफे के विषय में उल्लेख अवश्य किया था तथापि उसे उसका नाम व स्थान स्मरण नहीं था। मेरा भाग्य देखिये, गंगटोक में अचानक ही मेरी भेंट एक अन्य मित्र से हुई जिसे इस कैफे के विषय में जानकारी थी। उसने हमें इस रचना पुस्तक कैफे तक पहुँचाया।

रचना बुक कैफ़े - गंगटोक
रचना बुक कैफ़े – गंगटोक

यह एक छोटा सा कैफे है जिसके प्रथम तल पर पुस्तकों की एक सुन्दर दुकान है। इस दुकान में अनुपम भीतरी साज-सज्जा थी। एक हाथ में कॉफी तथा एक हाथ में पुस्तक लिए आप जीवन का आनंद उठा सकते हैं।

हमने इस दुकान में स्वामी श्री रमन से लम्बी चर्चा भी की। उन्होंने हमें बताया कि यह दुकान उनकी पैतृक संपत्ति है। वे इसे समय व काल के अनुसार ढालने का प्रयास कर रहे हैं। गंगटोक की सांस्कृतिक धरोहर एवं आधुनिक शैलियों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वे भिन्न भिन्न शैलियों के रचनात्मक महानुभावों को रचना कैफे में आमंत्रित करते रहते हैं। वे एक ऐसा माध्यम बनाने का प्रयास कर रहे हैं जहाँ सिक्किम मूल के लेखकों एवं कलाकारों को विश्व के अन्य भागों के रचनात्मक मान्यवरों से कला विनिमय का अवसर प्राप्त हो सके। यहाँ प्रदर्शन कला शैलियों को भी एक मंच प्रदान किया जाता है।

रचना पुस्तक कैफे से लगा हुआ एक होमस्टे है जहाँ आप ठहर सकते हैं। यह पुस्तक प्रेमियों के लिए एक वरदान है। इसका अर्थ है कि वे इस पर्वतीय नगर में पुस्तक एवं कैफे का आनंद लेते हुए सम्पूर्ण अवकाश आनंद से व्यतीत कर सकते हैं। यदि आप मेरे जैसे पुस्तक प्रेमी हैं तो अपने आगामी गंगटोक यात्रा में रचना पुस्तक कैफे अवश्य जाएँ।

कंचनजंगा का विहंगम दृश्य

यदि आप कंचनजंगा का विहंगम दृश्य देखना चाहते हैं तो किसी निर्मल स्वच्छ वातावरण के दिन आप सिक्किम जाएँ। अन्यथा कंचनजंगा के दृश्यों से वंचित रहने के लिए तत्पर रहें।

कंचनजंगा का दृश्य
कंचनजंगा का दृश्य

यदि किसी कारणवश आपको कंचनजंगा पर्वत श्रंखला के दृश्य ना दिखें तो निराश ना होयें। आप अन्य शिखरों एवं घाटियों का अवलोकन कर सकते हैं। आप कुछ ऐसे अद्भुत दृश्य देखेंगे जो कंचनजंगा की विहंगम उपस्थिति में देखना असंभव हो जाता है। कंचनजंगा आपको ऐसे अभिभूत कर देती है कि आप आसपास के अन्य अद्भुत दृश्यों को देखना भूल जाते हैं।

किसी भी नगर को देखने एवं जानने का सर्वोत्तम साधन है, पदभ्रमण। शान्ति से पैदल चलते हुए आप नगर के सभी आयामों का आनंद ले सकते हैं।

क्या आप चाहते हैं कि मैं गंगटोक के १० लोकप्रिय पर्यटन बिन्दुओं के विषय में भी लिखूं?

अनुवाद: मधुमिता ताम्हणे

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  1. I have always loved beautiful, neat and clean, calm tourist place like Gangtok. Still I wish you write about 10 most viewed tourist places too so that we have a ready-to-use details about Gangtok.

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