१५ अगस्त का स्वतंत्रता दिवस हो अथवा २६ जनवरी का गणतंत्र दिवस, हमारा देश देशभक्ति गीतों से गूंजने लगता है। सार्वजनिक सभा हो या निजी उत्सव, घर हो या बस्ती, रेडियो हो या दूरदर्शन, भारत के कोने कोने में देशभक्ति गीत बजने लगते हैं। यहाँ तक कि मोबाईल फोन पर भी वही गीत सुनाई देते हैं। भारत ही नहीं, अपितु विश्व भर के अप्रवासी भारतीय नागरिकों में भी वही स्फूर्ति एवं उर्जा दृष्टिगोचर होती है।
भारत की प्राचीन व पावन भूमि का उत्सव मनाते ये भारत के देशभक्ति गीत हमारे भीतर आनंद भर देते हैं। ये गीत सांझेपन एवं अपनत्व द्वारा हम सब को जोड़कर रखते हैं। ये गीत हमारे भीतर देश व देशवासियों के प्रति हमारे उत्तरदायित्व को भी जगाते हैं।
भारत के देशभक्ति गीत
हम सब उन भारतीयों का अत्यंत सम्मान करते हैं जिन्होंने प्रत्येक विपरीत परिस्थिति में देश की अस्मिता की रक्षा की है, वे चाहे सम्माननीय जनसेवक हों अथवा सशस्त्र बल के आदरणीय व प्रशंसनीय जवान, जिन्होंने हमारे एवं हमारे देश के उज्जवल भविष्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी अविस्मरणीय स्मृतियाँ सदा हमारे हृदय में श्रद्धा एवं हमारे मन मस्तिष्क में सुरक्षा का अनुभव कराती रहेंगीं। देशभक्ति से ओतप्रोत ये गीत हमें हमारे सुनहरे अतीत, हमारी समृद्ध विरासत एवं हमारे पूर्वजों के सर्वोच्च बलिदान का स्मरण कराते हैं। यहाँ देशभक्ति से परिपूर्ण कुछ सर्वोत्तम गीतों का संकलन आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूँ। सूची के अंतिम भाग में सर्वोत्तम गीत हैं। प्रत्येक गीत को सुनकर आनंद उठाइये तथा हमें बताइये इनमें आपके सर्वाधिक प्रिय गीत कौन से हैं।
बॉलीवुड से कुछ देशभक्ति के गीत
भारतीय हिन्दी चित्रपट उद्योग अथवा बॉलीवुड ने देशभक्ति से ओतप्रोत अनेक चित्रपटों का निर्माण किया है, अनेक देशभक्ति के गीत रचे एवं चित्रित किये हैं। देशभक्ति के गीतों की निम्न सूची किसी विशेष नियम के अनुसार नहीं हैं। अतः आप इन सभी को सुनकर आनंद लीजिये तथा अपनी स्मृतियों को पुनः जीवंत करिये।
१. ये देश है वीर जवानों का – नया दौर
भांगड़ा के जोश से भरा यह गीत मेरा सर्वाधिक प्रिय देशभक्ति गीत है जिसे सुनकर अंग अंग नृत्य करने के लिए आतुर हो जाता है। यह गीत सुनकर हमें भारतीय होने का गर्व होने लगता है। रोम रोम अपने देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित होने लगता है। यह एक अत्यंत सकारात्मक व प्रेरणादायी गीत है।
इस गीत में मुख्य भूमिका निभायी है दिलीप कुमार व वैजयंतीमाला ने। इस गीत के संगीत निर्देशक हैं ओ. पी. नैय्यर, गीतकार हैं साहिर लुधियानवी तथा इस गीत को गाया है मोहम्मद रफ़ी एवं बलबीर ने।
२. जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया – सिकंदर ए आज़म (१९६५)
यह गीत भारत के स्वर्णिम काल का उल्लेख करती है जिसके विषय में हमने केवल सुना व पढ़ा ही है। मैं अपने यात्रा संस्करणों के लिए जब इन प्राचीन स्थलों की यात्रा करती हूँ तब उसी स्वर्णिम युग के खंडित अवशेषों को बिखरे पड़े देखती हूँ। यह गीत मुझे भारत के उसी स्वर्णिम युग को पुनः जीवित करने के कार्य के लिए प्रेरित करती है।
इस गीत के संगीत निर्देशक हैं हंसराज बहल, गीतकार हैं राजेंद्र कृष्ण तथा इस गीत को स्वर प्रदान किया है मोहम्मद रफ़ी ने। इस गीत में मुख्य भूमिका निभायी है, दारा सिंग, मुमताज, पृथ्वीराज कपूर, वीना, प्रेम चोप्रा, विजयलक्ष्मी, हेलेन तथा प्रेम नाथ ने। इस चित्रपट के निर्देशक केदार कपूर थे।
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३. भारत का रहने वाला हूँ – पूरब और पश्चिम (१९७०)
मुझे स्मरण है, मैंने यह गीत दूरदर्शन के चित्रहार कार्यक्रम में लगभग प्रत्येक राष्ट्रीय अवकाशों पर सुना है। मेरे लिए यह गीत सम्पूर्ण भारत का निचोड़ है। यह उन दुर्मिल गीतों में से एक है जो भारत के सभी आयामों का उल्लेख करता है। एक ओर भारत के वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों की विलक्षण बुद्धि का बखान करता है तो दूसरी ओर नदियों की आराधना जैसे संस्कारों की गाथा कहता है। जहां सभ्यता एवं कला ने सर्वप्रथम जन्म लिया, ऐसा भारत सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शक है, भारत के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण विश्व ने प्रगति की है तथा सम्पन्नता अर्जित की है, इस देश की धरती पर जन्म लेकर मैं गौरान्वित हुआ हूँ, कुछ इस प्रकार के भाव हैं इस गीत में।
इस गीत के संगीत निर्देशक हैं कल्याणजी-आनंदजी, गीतकार हैं इन्दीवर तथा स्वर प्रदान किया है महेंद्र कपूर ने। ७० के दशक में निर्मित चलचित्र पूरब-पश्चिम के इस गीत में मुख्य भूमिका निभायी है, मनोज कुमार, सायरा बानो, अशोक कुमार, प्राण, प्रेम चोप्रा, निरूपा रॉय, विनोद खन्ना, भारती, मनमोहन तथा कामिनी कौशल ने। इस चित्रपट का निर्देशन किया स्वयं मनोज कुमार ने।
४. आइ लव माय इंडिया – परदेस (१९९७)
यह एक ऐसा गीत है जो प्रत्येक भारत प्रेमी प्रसन्नता से गुनगुनाता है। हम में से अधिकाँश लोग किसी भी गीत के शब्दों पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। किन्तु इस गीत के शब्द अत्यंत अर्थपूर्ण हैं। उन्हें जानकार आप भी आनंदित हो जायेंगे।
इस चित्रपट में मुख्य भूमिका निभायी है शाहरुख़ खान, अमरीश पुरी, महिमा चौधरी, अपूर्व अग्निहोत्री, अलोक नाथ, हिमानी शिवपुरी तथा आदित्य नारायण ने। इस गीत को मधुर स्वर प्रदान किया है कविता कृष्णमूर्ति ने। इस गीत के संगीत निर्देशक हैं नदीम-श्रवण। सुभाष घई इस चित्रपट के निर्माता/निर्देशक हैं।
५. फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी (२०००)
मुझे यह गीत इसलिए प्रिय है क्योंकि यह हम भारतीयों की दुहरी क्षमता को दर्शाता है। एक ओर हम भलाई एवं भलों के साथ गर्व से चलते हैं, वहीं बुराई एवं बुरों को भी उठाने में उतने ही सक्षम हैं। जहां अन्य देशभक्ति के गीत अत्यंत गंभीर हैं, वहीं यह गीत उल्हास एवं व्यंग से भरा है। इसे सुनकर हम विचार करने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
इस गीत को उदित नारायण ने गाया है, इसके बोल जावेद अख्तर ने लिखे हैं तथा इसे संगीतबद्ध किया है जतिन-ललित ने। इस चित्रपट में जूही चावला एवं शाहरुख़ खान ने मुख्य भूमिका निभाई है।
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६. मेरे देश की धरती – उपकार (१९६७)
भारत एक कृषी प्रधान देश रहा है। इसका सामाजिक ताना-बाना भी कृषि उद्योग के चारों ओर ही केन्द्रित रहा है। यह गीत इसी भावना से ओतप्रोत है। इसमें किसानों एवं सैनिकों की गौरवगाथा गाई गयी है जो उस काल में देश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक थे।
इस गीत को गुलशन बावरा ने लिखा है, महेंद्र कपूर ने सुर प्रदान किये हैं तथा कल्यानजी-आनंदजी ने संगीतबद्ध किया। इस चित्रपट में आशा पारेख एवं मनोज कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस चित्रपट के निर्माता एवं निर्देशक स्वयं मनोज कुमार हैं।
७. आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ – जागृति (१९५४)
यह नन्हे-मुन्हे बालक-बालिकाओं का गीत है जिसके संगीत पर हम में से अनेकों ने विद्यालयों के उत्सवों में नृत्य किया होगा तथा इस गीत को गया होगा। अतः यह एक अत्यंत विशेष गीत है। यह एक प्रकार से यात्रा गीत भी है। एक यात्री होने के कारण मेरी भी अभिलाषा है कि किसी दिन मैं भी अपने भारत देश के गौरव का उल्लेख करता एक गीत लिखूं।
१९५४ में निर्मित चित्रपट, जागृति में अभि भट्टाचार्य, प्रणोती घोष, बिपिन गुप्ता एवं रतन कुमार ने मुख्य भूमिका निभायी है तथा इसका निर्देशन सत्येन बोसे ने किया है। इस गीत के बोल लिखे हैं, कवि प्रदीप ने, संगीतबद्ध किया है हेमंत कुमार ने तथा गाया है स्वयं कवि प्रदीप ने।
८. नन्हा मुन्ना राही हूँ – सन ऑफ़ इंडिया (१९६२)
यह भी बालपन का एक गीत है जिसे हम सब ने शालाओं व विद्यालयों में गाया होगा तथा गाते समय स्वयं एक सैनिक बनकर देशसेवा करने के स्वप्न भी देखे होंगे। समय के साथ हम बड़े हुए तथा हमारी प्राथमिकताएँ भी परिवर्तित होती गयीं। किन्तु यह गीत हमें सदा उसी निष्कपट बालपन के स्वप्न का स्मरण कराता रहता है।
इस गीत की गायिका शान्ति माथुर है।
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९. ऐ वतन तेरे लिए – कर्मा (१९८६)
मेरे बालपन का एक अन्य गीत जो अब भी रोंगटे खड़े कर देता है।
चित्रपट कर्मा के लोकप्रिय गीतों में से एक, इस गीत को स्वर प्रदान किया है मोहम्मद अजीज एवं कविता कृष्णमूर्ति ने। इस गीत को स्वरबद्ध किया है लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने। इस चित्रपट के निर्माता-निर्देशक सुभाष घई हैं।
१०. तेरी मिट्टी – केसरी (२०१९)
यह भावपूर्ण गीत देशभक्ति गीतों की सूची में नवीन अनुवृद्धि है। इस गीत के शब्द अत्यंत भावपूर्ण हैं। इसका सादरीकरण भी अत्यंत सुन्दर है। इसमें निहित पंजाबी भावना मुझे उस धरती का स्मरण करती है जिसने हमारे देश को अनेकों पराक्रमी एवं साहसी सुपुत्र प्रदान किये हैं।
बी प्राक द्वारा गाये इस गीत को संगीत बद्ध किया आर्को ने तथा इसके बोल मुन्तशिर ने लिखे हैं। अक्षय कुमार एवं परिणिति चोप्रा द्वारा अभिनीत इस चित्रपट को अनुराग सिंग ने निर्देशित किया है।
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११. संदेसे आते हैं – बॉर्डर (१९९७)
हमारे देश की सीमाओं में सेवारत हमारे बहादुर सैनिक देश की सीमाओं के रक्षण को सर्वोपरि ध्येय मानते हैं। अपने परिवारजनों एवं बंधू-बांधवों से दूर रहते हुए वे देश की सेवा करते हैं। हृदय के एक कोने में अपने घर एवं गाँव की स्मृति संजोये वे आतुरता से उनके लिखे पत्रों की प्रतीक्षा करते हैं जो एक समय उन्हें अपने परिवारजनों से जोड़ने का एकमात्र साधन हुआ करता था। यह गीत हमें उनके सर्वोच्च बलिदान की अनुभूति कराता है तथा उन्हें सम्मान देने व उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के हमारे कर्त्तव्य का आभास कराता है।
सोनू निगम एवं रूप कुमार राठोर द्वारा गाये तथा जावेद अख्तर द्वारा रचित इस गीत को स्वरबद्ध किया है अनु मालिक ने। इस चित्रपट का निर्देशन ज्योति प्रकाश दत्ता ने किया है।
१२. मेरा रंग दे बसंती चोला–द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह (२००२)
यह गीत हमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम के युग में ले जाता है जब भगत सिंह जैसे अनेक साहसी स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। अपने देश को स्वतन्त्र देखने की इन युवकों की तीव्र इच्छा, लगन एवं दृड़ निश्चय इस गीत में स्पष्ट झलकते हैं। यह गीत हमें यह चिंतन करने के लिए बाध्य कर देता है कि क्या हम हमारे इन साहसी वीरों के बलिदानों के साथ न्याय कर रहे हैं? विशेषतः स्वतंत्रता के पश्चात जन्मे हम भारतवासियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण सूचना प्रस्तुत करता है कि जिस स्वतन्त्र भारत में हम स्वच्छंद विचरण करते हैं वह स्वतंत्रता अनमोल है।
समीर द्वारा रचित एवं ए. आर. रहमान द्वारा संगीतबद्ध इस गीत को सोनू निगम एवं मनमोहन वारिस ने सुमधुर स्वर प्रदान किया है। इस चित्रपट को निर्देशित किया है, राजकुमार संतोषी ने।
१३. देस मेरे देस – द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह (२००२)
स्वतन्त्रतापूर्व युग का, देशप्रेम से ओतप्रोत एक अन्य गीत।
इसे सुखविंदर सिंह एवं ए. आर. रहमान ने गाया है।
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१४. ऐ मेरे प्यारे वतन – काबुलीवाला (१९६१)
महान गायक मन्ना डे द्वारा गाये गए इस गीत को प्रेम धवन ने लिखे है।
चिरकालिक देशभक्ति गीत
१. मिले सुर मेरा तुम्हारा – भीमसेन जोशी
यह संगीत की एक ऐसी पराकाष्ठा है जो भारत के सभी क्षेत्रों तथा भाषाओं को एक गीत में पिरो देता है। यह मेरे युग का सर्वाधिक लोकप्रिय गीत है। कदाचित अब भी है।
यह दर्शाता है कि कैसे अनेक धाराएं एक होकर भारत का निर्माण करती हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे संगीत के अनेक स्वर मिलकर एक गीत की रचना करते हैं। इस गीत में संगीत, खेलजगत तथा चित्रपटों से सम्बंधित महान दिग्गजों ने भाग लिया है। कुछ दशक पश्चात इसी गीत की नकल करते हुए इसकी पुनर्रचना की गयी किन्तु वह मूल गीत की तुलना में स्वयं को सिद्ध नहीं कर पायी।
२. ऐ मेरे वतन के लोगों – लता मंगेशकर
इस गीत ने हम में से अनेकों को रुलाया है। यह हमें उन सभी वीरों का स्मरण कराता है जिन्होंने हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, हमारी एवं हमारे परिवाजनों की सुरक्षा करने के लिए अपने परिवारजनों को छोड़ दिया। यह एक अत्यंत ही भावुक देशभक्ति गीत है।
एक सामान्य ज्ञान – प्रारंभ में यह गीत आशा भोंसले गाने वाली थीं। किन्तु अंतिम समय में इसमें परिवर्तन करते हुए इस गीत को लता मंगेशकर ने गाया। यह एक अमर व चिरस्थाई गीत है।
कवि प्रदीप द्वारा रचित तथा सी. रामचंद्र द्वारा संगीतबद्ध यह गीत उन भारतीय सैनिकों को एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने १९६२ के भारत-चीन युद्ध में अपने प्राण गँवाए थे।
इस गीत को सर्वाधिक लोकप्रिय व प्रख्यात देशभक्ति गीतों में से एक माना जाता है जिसे हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन” , राष्ट्रगीत “वन्दे मातरम” तथा “सारे जहां से अच्छा” के समान मान प्राप्त है।
इस गीत की निम्न प्रस्तुति में सेक्सोफोन नामक संगीत वाद्य सेना का एक जवान बजा रहा है। गीत के इस रूप को सुनकर आप का आनंद दुगुना हो जाएगा।
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३. माँ तुझे सलाम – ए. आर. रहमान
हम अपने भारत देश को माँ का मान देते हैं। इसे भारत माता कहते हैं। यह गीत उसी भारत माता के सम्मान में झुकता है।
४. कदम कदम बढाए जा
‘कदम कदम बढाए जा, कदम कदम बढाए जा, खुशी के गीत गाये जा’। यह प्रेरणादायी गीत वास्तव में सुभाष चन्द्र बोस के भारतीय राष्ट्रीय सेना का सैन्य-दल कदम-ताल (regimental quick march) गीत है। इस गीत की रचना पंडित वंशीधर शुक्ल ने की थी तथा इसे राम सिंह ठकुरी ने सुरबद्ध किया था।
द्वितीय युद्ध के पश्चात ‘राजद्रोह’ के आरोप में यह गीत भारत में निषिद्ध कर दिया गया था। अगस्त १९४७ में इस पर लगे निषेधाज्ञा को उठा लिया गया। तब से यह भारत में एक देशभक्ति का गीत बन गया है। वर्त्तमान में यह भारतीय सेना का सैन्य कदम-ताल गीत बन गया है।
५. वन्दे मातरम – संगीता कट्टी कुलकर्णी द्वारा गाया सम्पूर्ण संस्करण
मातृभूमि को समर्पित, वन्दे मातरम का सम्पूर्ण संस्करण सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका संगीता कट्टी कुलकर्णी ने गाया है। इस गीत की रचना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की है।
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६. सारे जहां से अच्छा
लता मंगेशकर द्वारा गाया गीत ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ कवि मोहम्मद इकबाल द्वारा रचा तथा पंडित रवि शंकर द्वारा संगीतबद्ध किया गया है।
७. जन गण मन (सम्पूर्ण गीत)
हमारे राष्ट्रगान के विषय में सभी जानते हैं। इसके विषय में मैं कुछ कहूं, यह ‘छोटा मुंह बड़ी बात’ होगी।
भारतीयता का उत्सव मनाता यह एक संगीतमय विडियो है। इसका संगीत सुखदा भावे-दबके ने दिया है। भक्ति आठवले-भावे, अनुराधा गंगल-केलकर, सुधांशु घारपुरे तथा निखिल निजसुरे ने इस गीत को गाया है।
८. बंगाली भाषा में जन गण मन – रविन्द्र नाथ ठाकुर का सम्पूर्ण गीत
रविन्द्र नाथ ठाकुर द्वारा रचित जन गण मन के सम्पूर्ण गीत में पांच अंतरे हैं। यहाँ इस गान को स्वागतलक्ष्मी दासगुप्ता ने अपने स्वर से चार चाँद लगाए हैं। बंगाली भाषा में लिखा गया यह गान वास्तव में इस गीत का मूल स्वरूप है। इसे सुनकर आपको अवश्य आनंद आएगा।
यहाँ मैंने अपनी स्मृति से व व्यक्तिगत चुनाव के आधार पर २२ उत्कृष्ट भारत के देशभक्ति गीत आपके लिए चुने हैं। यदि आप इस सूची में कुछ अन्य देशभक्ति के गीत सम्मिलित करना चाहते हैं तो टिपण्णी खंड में उनका उल्लेख अवश्य करें। यहाँ मैंने अधिकांशतः हिन्दी भाषा में लिखे गीत चुने हैं। आप अन्य भारतीय भाषाओं में रचित देशभक्ति के गीतों का भी सुझाव दे सकते हैं।
इनमें से आपका सर्वाधिक प्रिय कौन भारत के देशभक्ति गीत है?
Very heartening compilation! Teri mitti is my favourite song, it really brings tears in my eyes. If possible can you add original film cilipping of songs where it is not there? Ex poorab aur pashchim song
सभी गीत देशभक्ति से ओतप्रोत व बहुत ही खूबसूरत और दिलोदिमाग पर देश के प्रति समर्पण का भाव जागृत कर देने वाले है????????????????????????????????????????????????????????