कुर्ग – तलकावेरी, भागमण्डल एवं त्रिवेणी संगम
कावेरी दक्षिण भारत के दो प्रमुख राज्यों को पोषित करती एक जीवनदायिनी नदी है। ये दो राज्य हैं, कर्नाटक एवं तमिलनाडु। इन दोनों राज्यों का जीवन कावेरी नदी पर निर्भर है। कदाचित यही कारण...
धारवाड़ पेड़ा – कर्नाटक की प्रसिद्ध मिठाई
धारवाड़ कर्नाटक का एक ऐसा क्षेत्र है जो अनेक विशिष्टताओं से अलंकृत है। उनमें निर्विवाद सर्वप्रथम है, धारवाड़ की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका, डॉ. गंगुबाई हंगल। उन से आप सब अवगत ही हैं। धारवाड़ की...
उडुपी के प्राचीन शिव मंदिर
कर्णाटक के तटीय क्षेत्र में बसा उडुपी नगर अनेक प्राचीन मंदिरों तथा स्वादिष्ट उडुपी व्यंजनों के लिए अत्यंत लोकप्रिय है। उडुपी नगर के हृदयस्थल पर श्री कृष्ण मठ स्थित है जो एक मंदिर भी...
बनशंकरी अम्मा मंदिर – बादामी उत्तर कर्णाटक का एक शक्तिपीठ
श्री बादामी बनशंकरी देवी की पूजा-आराधना स्वर्णिम कर्नाटक के चालुक्य काल से चली आ रही है। कर्णाटक के बागलकोट जिले में बादामी तालुका में स्थित बनशंकरी मंदिर उत्तर कर्णाटक का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है।...
पश्चिमी घाटों में बसे कूर्ग के दर्शनीय स्थल
कर्णाटक में स्थित कूर्ग भारत के पश्चिमी घाटों की गोद में बसा एक अप्रतिम पर्वतीय पर्यटन स्थल है। कॉफी के अनेक बगीचे होने के कारण इसे कॉफी के प्याले के नाम से जाता जाता...
श्री चामुंडेश्वरी मंदिर – चामुंडी पहाड़ी मैसूर के निकट
श्री चामुंडेश्वरी मंदिर आदि शंकराचार्यजी द्वारा बताये गए १८ शक्तिपीठों में से एक है। यह चामुंडी पहाड़ी पर स्थित है जो कर्णाटक के मैसूरू नगरी के निकट है। मैसूरू को पहले मैसूर कहा जाता...
बंगलुरु से मैसूर तक – कर्नाटक का रेशम पथ
बंगलुरु के रेशम पथ अथवा सिल्क रूट का आरम्भ बंगलुरु के प्रसिद्ध सिल्क बोर्ड जंक्शन से होता है। जी हाँ, यह वही सिल्क बोर्ड जंक्शन है जिसे पार करने के लिए पथिकों को घंटों...
उडुपी का श्री कृष्ण मठ भक्तों का लोकप्रिय मंदिर
भारत के पश्चिमी तट पर बसी उडुपी मंदिरों की नगरी है जो भक्तों का बड़े उत्साह से स्वागत करती है। यह एक परशुराम क्षेत्र है जिसके मध्य में श्री कृष्ण मठ स्थित है। साथ...
अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर एवं कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान
होरनाडु, प्रकृति की गोद में स्थित एक मनमोहक व अत्यंत दर्शनीय गाँव है। यह कर्णाटक के चिकमगलुरु जिले के अंतर्गत, मुदिगेरे तालुका के अप्रतिम परिदृश्यों से युक्त पश्चिमी घाट में स्थित है। यह स्थान...
होयसल मंदिर – देखिये कर्नाटक के ११ प्राचीन उत्कृष्ट मंदिर
आधुनिक कर्नाटक में ११वी. से १३ वीं. सदी के मध्य होयसल राजवंश का साम्राज्य था। कला, साहित्य एवं धर्म के क्षेत्र में होयसल वंश की सदैव रुचि रही तथा उन्होंने सदा इनका संरक्षण किया।...