कोटि तीर्थ गोकर्ण

गोकर्ण – कर्नाटक के प्राचीन तीर्थ एवं पर्यटक स्थल

अप्रतिम सौंदर्य से परिपूर्ण, भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गोकर्ण एक प्राचीन तीर्थ क्षेत्र है। यह एक ओर समुद्र तथा तीन ओर पर्वतों से घिरा हुआ है। पुराणों में इस स्थान का उल्लेख...
हलेबिडू स्थित होयेसलेश्वर मंदिर

होयसलेश्वर मन्दिर – हैलेबिडु कर्नाटक स्थित अद्भुत होयसल धरोहर

कर्नाटक के बंगलुरु से लगभग २०० किलोमीटर दूर स्थित एक महत्वपूर्ण मंदिर नगरी है, हैलेबिडु। कला एवं साहित्य के संरक्षक माने जाते होयसल राजवंश की यह राजधानी थी। ‘हैलेबिडु’ का कन्नड़ भाषा में शब्दशः...

चेन्नाकेशव मंदिर- कर्नाटक के बेलूर की अमूल्य धरोहर

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बेलूर कर्नाटक के हासन जनपद में स्थित एक छोटा सा नगर है। यागाची नदी के तीर स्थित यह नगर चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है। वेलापुरा के नाम से भी जाना जाने...
पडी इगुथप्पा मंदिर परिसर

पडी इग्गुथप्पा मंदिर कूर्ग के अधिष्ठात्र देवता से एक साक्षात्कार

इग्गुथप्पा को समर्पित पडी इग्गुथप्पा मंदिर कूर्ग का अत्यंत महत्वपूर्ण मंदिर है। इग्गुथप्पा कोडगू अथवा कूर्ग के प्रमुख देवता हैं तथा कोडवा समुदाय के कुल देवता हैं। प्राचीन काल में वे कदाचित वर्षा एवं...
विभूति झरना

विभूति झरना, याना शिलाएं, मिर्जन दुर्ग- उत्तर कन्नड़ में सड़क यात्रा

उत्तर कन्नड़ भ्रमण के समय सिरसी से गोकर्ण की यात्रा करते हुए अधिकतर पर्यटक गोकर्ण के समुद्र तटों का आनंद उठाने हेतु इच्छुक रहते हैं। क्यों ना हों! गोकर्ण के समुद्र तट हैं ही...
मत्तूर - कर्णाटक का संस्कृत भाषी गाँव

मत्तूर – कर्नाटक के शिवमोग्गा का संस्कृत भाषी गाँव

जब से मैंने सुना कि मत्तूर गाँव का बच्चा बच्चा संस्कृत में वार्तालाप करता है, मैं इस गाँव को देखने के लिए आतुर थी। मन में उत्सुकता जागृत हो गयी, प्राचीन काल में जो...
प्राचीन विद्याशंकर मंदिर - श्रृंगेरी कर्णाटक

श्रृंगेरी – शारदा पीठम के आसपास की देवनगरी

श्रृंगेरी, अर्थात ऋषिश्रृंग गिरी। श्रृंगेरी को यह नाम ऋषि विभाण्डक के सुपुत्र ऋषि श्रृंगी से प्राप्त हुआ है। गिरी का अर्थ है पर्वत। अर्थात् श्रृंगेरी शब्द की व्युत्पत्ती एवं इसका इतिहास ऋषि-मुनियों के काल...
रामलिंगेश्वर मंदिर समूह अवनी कर्णाटक

अवनी-कोलार का रामायणकालीन रामलिंगेश्वर मंदिर समूह

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सम्पूर्ण दक्षिण भारत, विलक्षण वास्तुकला युक्त आकर्षक मंदिरों से परिपूर्ण है। अवनी का रामलिंगेश्वर मंदिर समूह भी ऐसे ही दर्शनीय एवं अद्भुत मंदिरों का एक समूह है जो कर्नाटक के कोलार नगर के पास...
बिदरी धातु शिल्प कैसे बनती है?

बिदरी धातु-शिल्पकला सृजन का प्रत्यक्ष दर्शन

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काले स्याह जस्ते अर्थात् जिंक पर उज्जवल सजीली नक्काशी, ऐसी कलाकारी आप सभी ने अवश्य देखी होगी। इसे देख आपको वर्षा ऋतु की काली रात्री में स्याह घटाओं के पीछे से चन्द्रमा की चमकती...

सहस्रलिंग – सिरसी शाल्मला नदी के सहस्त्र शिवलिंग

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उत्तर कन्नड़ के हरे भरे घने वनों के हृदयस्थली में स्थित है विस्मयकारी स्थलों का नगर सिरसी। उत्तर कन्नड़ के प्रत्येक स्थान से सिरसी की ओर रास्ता जाता है। मेरे इस सिरसी यात्रा के...

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