मुद्रा की यात्रा – मुंबई का आर बी आई मुद्रा संग्रहालय

0
2

मुंबई में भारतीय रिज़र्व बैंक का मौद्रिक संग्रहालय अपने  देश में एक  अलग प्रकार का संग्रहालय है| भारत के इतिहास के माध्यम से यह संग्रहालय आपको सिक्कों, रुपयों  और दूसरी मुद्राओं के इतिहास से अवगत कराता है| इस संग्रहालय के माध्यम से हम स्वतंत्र भारत तक विभिन्न ऐतिहासिक वंशजों, रियासतों और विदेशी साम्राज्यों के प्रारंभ काल तक की मुद्राओं से भी अवगत  होते हैं| यह आपको भारतीय रिज़र्व बैंक, उसके उद्देश्यों, इतिहास और उसके कार्यों का परिचय भी देता है|

आर बी आई मौद्रिक संग्रहालय, मुंबई

यहाँ आने वालों को यह संग्रहालय मुद्रा की अवधारणा से परिचित कराता है| इसके शरुआती अवतार जैसे वस्तु विनिमय प्रणाली और गाय प्रणाली  से  भी अवगत कराता है| वहाँ पर आप एक स्वर्ण बार भी देख सकते हैं जिसका उपयोग वित्तीय साधन के रूप में किया जाता है|

सिक्के

यह संग्रहालय आपको समय के माध्यम से सिक्कों के बारे में  अवगत कराता है| कौन सी प्रौधोगिकी सिक्कें बनाने में इस्तेमाल की जाती थी, किस धातु का प्रयोग होता था, उनकी मोहर व टकसाल आदि ये बातें भी वहाँ दर्शाई गयी हैं| मूलरूप से जो भी जानकारी आप सिक्कों के बारें में जानना चाहते हैं उन सभी का उत्तर आपको यहाँ मिल जायेगा| आप वहाँ रखे सिक्कों को देखकर उस अवधी की समृधि का भलीभांति अंदाजा लगा सकतें हैं| अच्छे आर्थिक समय के दौरान सिक्के अधिक कीमती धातु से निर्मित थे और उनकी कारीगरी भी उत्तम थी|

कागज़ी मुद्रा

संग्रहालय का कागज़ी मुद्रा का भाग भी बहुत रोचक है| सिक्कों की तुलना में कागज़ी मुद्रा का चलन अट्ठारवीं शताब्दी में हुआ था लेकिन उन्नीसवीं शताब्दी में ही उसको प्रमुखता मिली| आप वहाँ पर उन प्रारंभिक बैंकों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जिन्होंने कागज़ी मुद्रा की पेशकश की थी| शुरुवाती समय में कागजी नोट एकतरफा थे| ऐसा लगता है कि बैंकरों ने प्रत्येक नोट व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षर करने के लिये इस्तमाल किया और यह हस्ताक्षर करने की प्रथा आज भी विभिन्न रूपों में जारी है| जब आप सरल पुरानी शैली के विशाल नोट को देखेंगे तो आपके चेहरे पर अपने आप ही एक मुस्कान आ जायेगी|

मुद्रा की बारीकियां

आर बी आई मौद्रिक संग्रहालय का एक अन्य खंड आपको मुद्रा की बारीकियों को बताता है| जैसे कि कौन सा सिक्का किस टकसाल में बना, कैसे पता लगा सकते हैं कि नोट असली है या नकली| वहाँ छोटे

क्विज़ेज हैं जिनके माध्यम से आप मुद्रा के बारे में आपने ज्ञान को जाँच सकते हैं| कुछ ऐसी आंख खोलने वाली जानकारियां हमें वहां प्राप्त होती हैं जिनसे हम पहले अवगत नहीं होते| उन सभी आर बी आई गवर्नरके चित्र वहाँ लगे हैं जिनके हस्ताक्षर कागज़ी मुद्रा के पीछे अंकित हैं|

संग्रहालय विवरण

मुंबई में जैसे सब कुछ है उसी तरह संग्रहालय को भी एक संगठित स्थान पर बनाया गया है लेकिन वहाँ जो भी रक्खा गया है वह बड़े व्यवस्थित ढंग से दर्शया गया है| सही चन्हों के माध्यम से आप पूरे संग्रहालय को ठीक प्रकार से  बिना कुछ छोड़े देख सकते हैं| रोशनी की वहाँ उचित व्यवस्था है| कुछ स्थान पर सेंसर प्रकाश  है जैसे जब आप दर्शाई हुई चीज़ के निकट जायेंगे तो प्रकाश स्वतः हो जायेगा और दूर जाने पर पुनः बंद हो जायेगा| आपको संग्रहालय के अंदर कुछ भी ले जाने की अनुमति नही है| इसलिए आप वहाँ की फोटो भी नही ले सकते हैं| वहाँ से आप ५००० और १०००० के नोटों का प्रतिरूप ले सकते हैं एक विवरण पुस्तिका के साथ जिसके माध्यम से आपको उन जानकारियों का पता चलेगा जो असली और नकली मुद्रा को पहचानने में आपकी मदद करेगी| वहाँ बनी एक डेस्क से हम एक छोटी पुस्तिका खरीद सकते हैं जिसके द्वारा संग्रहालय के विभिन्न भागों की जानकारियां हम प्राप्त कर सकते हैं|

मैं चाहती हूँ कि आर बी आई उन लोगों को जो मुद्राशास्त्र में रूचि रखते हैं प्रचलन के सिक्के और स्मारक सिक्के जरूर उपलब्ध करवाये| मैं यह भी चाहती हूँ कि संग्रहालय को देखने वालों की संख्या में वृद्धि हो, और बहुत से लोगों को इस महत्वपूर्ण जगह के बारे में पता चले|

जब तक आप आर बी आई मुद्रिक संग्रहालय की यात्रा नहीं कर पाते तब तक आप उनकी वेबसाइट के माध्यम से मुद्राओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाँसिल कर सकते हैं|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here