श्रीलंका सर्वदा ग्राहकों का स्वर्ग रहा है। यह एक प्रमुख वस्त्र एवं परिधान निर्यातक है। हम भारतीयों में भी श्रीलंका वस्त्रों की खरीददारी हेतु जाना जाता रहा है। श्रीलंका यात्रा कार्यक्रम सूची में वस्त्रों एवं परिधानों की खरीददारी हेतु विशेष रूप से ओडेल बाजार का नाम सम्मिलित किया जाता रहा है।
मेरी दो श्रीलंका यात्रा के समय मैंने वस्त्रों के साथ साथ कई अन्य वस्तुएं भी देखी जो विशेष रूप से श्रीलंका की संस्कृति एवं धरोहर का प्रतीक है। इन्हें आप अपनी श्रीलंका यात्रा के समय स्मृतिचिन्ह के रूप में खरीद सकते हैं। श्रीलंका में ये प्रतीकात्मक स्मृतिचिन्ह हर प्रकार के ग्राहकों के अनुरूप कई मूल्य सीमाओं में उपलब्ध हैं। मेरे निष्कर्ष के अनुसार, वस्त्रों के अतिरिक्त अन्य मुख्य १५ वस्तुएं हैं जिन्हें आप स्मृतिचिन्ह के रूप में खरीद सकते हैं वे हैं-
रत्न एवं जवाहरात
आइये इस स्मृतिचिन्हों की सूची का आरम्भ सर्वाधिक मनमोहक एवं सर्वाधिक मूल्यवान वस्तु से की जाए। श्रीलंका में रत्नों की अनेक खदाने हैं। चन्द्रकान्ता की खदान इनमें प्रमुख है। मझे भी यहाँ की एक चन्द्रकान्ता खदान देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यहाँ रत्नों का उत्खनन एवं छंटनी कर तराशने एवं चमकाने की विधि को प्रत्यक्ष देखने का अवसर मिला। इन चमकदार रत्नों को विभिन्न धातुओं में जड़ कर आभूषण भी बनाए जा रहे थे। मेरा ह्रदय भी इन रत्नों पर मोहित हो गया और मैंने भी कुछ चन्द्रकान्ता रत्नों की खरीददारी की।
यूं तो आप श्रीलंका में कहीं भी इन रत्नों की खरीददारी कर सकते हैं। पर्यटन हेतु प्रसिद्ध उनावातुना एवं कैंडी में छोटी बड़ी कई रत्नों की दुकाने हैं। क्या कहा? आपको अपनी रत्नपारखी दृष्टी पर संदेह है! आप यहाँ स्थित कई संग्रहालयों के दर्शन कर सकते हैं जहां साहित्यों एवं लघु चलचित्रों द्वारा इनकी परख करना बताया जाता है। इन्हें देखने के पश्चात आप निर्भय होकर विभिन्न रत्नों की खरीददारी कर सकते हैं।
हाँ, मैं आपको सचेत कर दूं! हर छोटी बड़ी दुकानों में इन रत्नों की खरीददारी के समय मोलभाव करना ना भूलें।
लंका की प्रसिद्ध चाय
श्रीलंका की चाय सदा से प्रसिद्ध रही है। यह चाय के रसिकों हेतु श्रीलंका से लाया गया सर्वोत्तम उपहार साबित हो सकता है। आप चाय के बागानों पर जाकर उनका कारखाना देख सकते हैं और अपनी पसंदीदा चाय वहीं से ला सकते हैं। जहां तक मेरा सवाल है, मैं जब भी किसी क्षेत्र के चाय बागानों में जाती हूँ, वहां से ताज़ी चाय इतनी लाती हूँ कि मेरे कुछ महीनों की चाय आपूर्ति संतुष्ट हो जाती है।
श्रीलंका में चाय के बागानों के अलावा आप बाजार एवं स्मारिका दुकानों से भी सुन्दर डिब्बों में बंद चाय की पत्तियों की खरीदी कर सकते हैं।
श्रीलंका की सर्वाधिक प्रसिद्ध चाय, दिलमा चाय के नाम से बिकती है।
चीनी मिट्टी के बर्तन
आप में से बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि जापान में उपलब्ध नोरीटेक नामक सर्वाधिक प्रसिद्ध चीनी मिट्टी की वस्तुएं श्रीलंका में बनाइ जाती हैं। यदि आप उचित दामों में मनपसंद बर्तन खरीदना चाहते है तो कारखाने के विक्री केंद्र से खरीद सकते हैं। इसके अलावा, कोलम्बो के विशाल प्रदर्शनकक्ष से भी इन्हें खरीद सकते हैं। श्रीलंका स्थित ओडेल के प्रकार के अन्य बाजारों में भी इनके उत्पाद उपलब्ध हैं।
१२ वर्षों पूर्व मेरी श्रीलंका यात्रा के समय खरीदे गये चीनी मिट्टी के बर्तन आज भी मेरी रसोईघर की शोभा बढ़ा रहे हैं। यहाँ कुछ लोगों ने बताया कि जब श्रीमती अम्बानी मुंबई के अपने नवीन गृह की साजसज्जा करवा रही थीं, तब अपने रसोईघर के लिए चीनी मिट्टी के बर्तन खरीदने श्रीलंका गयी थीं।
श्रीलंका की दालचीनी
दक्षिण भारत में उगाये जाने वाले लगभग सभी मसाले श्रीलंका में भी उगाये जाते हैं। इसका मुख्य कारण है हवा पानी की समानता। इसमें दालचीनी प्रमुख है। क्या आप जानते हैं, श्रीलंका विश्व में दालचीनी का सबसे बड़ा निर्यातक है? अतः यह स्पष्ट है कि मैंने कौन सा मसाला खरीदा होगा! मैंने नाजुक चिट्ठे की प्रकार लपेटे हुए दालचीनी के टुकड़े खरीदे। यह भारत में साधारणतः बिकने वाले दालचीनी से भिन्न दिखाई पड़ रहे थे।
दालचीनी टुकड़ों के अलावा चूर्ण रूप में भी उपलब्ध हैं। आप दालचीनी सहित अन्य कई मसालों से भरे सुन्दर पोटलियाँ भी खरीद सकते हैं। अपने रसोई के साथ साथ, यह एक उपयोगी उपहार भी हो सकता है।
लकड़ी के आकर्षक मुखौटे
लकड़ी पर नक्काशी सम्पूर्ण श्रीलंका में लिए जाने वाली हस्तकला है। श्रीलंका स्थित कई बौध मंदिरों में की गयी यह नक्काशी आपका मन मोह लेगी। लकड़ी के सुन्दर नक्काशी किये गए मुखौटे श्रीलंका के कलाकारों की पहचान है। ये रंगबिरंगे मुखौटे आपके घर की सजावट का हिस्सा हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि लाल रंग के मुखौटे रक्षण करते हैं, पीले रंग के मुखौटे समृद्धि प्रदान करते हैं तथा नीले रंग के मुखौटे आपके व्यवसाय में मदद करते हैं।
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मेरी इच्छा थी शुद्ध लकड़ी की नक्काशी की गयी वस्तु जिस पर कोई अतिरिक्त रंग न लगा हो। अतः मैंने लकड़ी के खम्बे के ऊपर बैठे, हाथ में बंसी पकडे मछुआरे की मूर्ति अपने लिए पसंद की थी। मैंने रावण का एक मुखौटा भी खरीदा था। मेरी राय में यह भारत और श्रीलंका के प्राचीन सम्बन्ध का प्रतीक था। यह आज भी मेरे संग्रह का एक प्रमुख हिस्सा है।
दुमबारा चटाई एवं बेंत की वस्तुएं
दुमबारा बुनाई एक हथकरघे पर बनाई गयी खुरदुरी बुनाई है। कैंडी के समीप स्थित इसके उत्पत्ति क्षेत्र के नाम पर ही इसे दुमबारा बुनाई कहा जाता है। ज्यामितीय आकृतियों में बनाई गयी इस बुनाई में अधिकतर श्वेत, श्याम व लाल रंगों का प्रयोग किया जाता है। श्रीलंका में मैंने इस बुनाई द्वारा बनाए आकर्षक दीवारों की सजावट, मेजपोश, टोकरियाँ व थैले देखे। ये वस्तुएं स्मारिका दुकानों में भी उपलब्ध हैं। कई आकृतियों एवं आकारों में उपलब्ध ये वस्तुएं आपको चुनाव का पर्याप्त अवसर देते हैं।
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इसी प्रकार आप बेंत से बने सुन्दर टोकरियाँ एवं डिब्बे भी खरीद सकते हैं।
श्रीलंका की साड़ियाँ
दक्षिण भारतीय शहरों की प्रकार श्रीलंका में भी पारंपरिक स्त्री वेशभूषा साड़ी है। केरल की तरह श्रीलंका की साड़ीयाँ भी दो प्रकार की होती हैं। पहले प्रकार की साड़ी में चोली के साथ दो और भाग होते हैं। पहला दुपट्टा एवं दूसरा कमर पर झालर लगा हुआ अधोवस्त्र जिसे कमर पर लपेटा जाता है। दूसरी प्रकार की साड़ी भारतीय साड़ी की तरह पांच गज की होती है परन्तु इसे भारतीय परंपरा से विपरीत पद्धति से पहना जाता है। पल्लू से आरम्भ करते हुए पहने जाने वाली इस साड़ी की चुन्नटें अन्दर के बजाय, बाहर निकाल कर उसे कमर पर झालर का रूप दिया जाता है।
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पहली प्रकार की साड़ी पहनने में बहुत आसान है। मैंने भी वहां एक स्त्री से इस साड़ी को पहनना सीखा। यह आसाम की मेखला साड़ी की याद दिलाती है। कहा जाता है कि यह मूलतः इंडोनेशिया के जावा प्रदेश में पहने जाने वाली रेड्डा-हट्टे से प्रेरित वेशभूषा है। श्रीलंका की स्मारिका के रूप में यह एक सुन्दर उपहार हो सकता है।
पुरातन वस्तुएं
यदि आपको प्राचीन वस्तुओं के संग्रह में रूचि हो तो गॉल में स्थित अनेक दुकानों से इन वस्तुओं की खरीदी कर सकते हैं। मेरे साथ अनोखा संयोग यह हुआ कि गॉल में भ्रमण के समय वर्षा हो रही थी। अतः मैंने अपना पूर्ण समय दुकानों में ही बिताया। रत्नों एवं पुरातन वस्तुओं की अनेक दुकानें यहाँ स्थित हैं।
यहाँ प्राचीन बर्तन, घड़ियाँ, वाद्ययंत्र, पूजाघर की वस्तुओं की तरह अनेक वस्तुएं उपलब्ध हैं। इनमें से पसंदीदा वस्तु ढूँढने हेतु बहुत संयम की आवश्यकता है। यह खजाना ढूँढने से कम रोमांचक नहीं है।
नक़्शे, चित्र एवं कागज की वस्तुएं
गॉल की दुकानों में विचरण के समय मेरी दृष्टी दुकानों के एक समूह पर पड़ी जो प्राचीन श्रीलंका के चित्र व नक़्शे बेच रहे थे।
उनके पास श्रीलंका एवं गॉल के मनमोहक चित्र थे। उनमें कुछ चित्र कई वर्षों पुराने थे। फिर भी इन्हें अत्यंत सहेज कर रखा हुआ था। यदि आप प्राचीन चित्रों में रूचि रखते हैं तो गॉल की गलियों में आपकी इच्छा पूर्ण हो जायेगी।
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श्रीलंका में कुछ कलाकार कागज़ के पुनर्नवीनीकरण का कार्य अत्यंत आकर्षक ढंग से कर रहे हैं। मैंने रंगबिरंगी टोकरियाँ देखी जो कागज़ की पुनःचक्रण कर बनाई गयी थी। मेरी प्रबल इच्छा थी कि इन मनमोहक टोकरियों को अपने साथ भारत लाऊँ और यहाँ इनकी प्रतिलिपि बनवाऊँ। इन कागज़ से बनी वस्तुओं की खरीदी का सीधा अर्थ है पर्यावरण की रक्षा की ओर हमारा सहयोग।
पत्थरों पर रंगबिरंगी चित्रकारी
आपने चिकने पत्थर पर रंगे गए चित्र तो देखे होंगे। परन्तु खुरदुरे पत्थरों पर चित्रित किये सुन्दर हाथी एवं नर्तक कदाचित ही देखे होंगे।
यदि आपका चित्त दाम्बुला एवं सिगिरिया के पाषाणी चित्रकलाओं पर मोहित हो तो इन्हें भी श्रीलंका के उत्तम स्मृतिचिन्ह के रूप में खरीदकर घर की शोभा बढ़ाई जा सकती है। कालान्तर में इन चित्रिकरणों की शैली में बदलाव भले ही आया हो, किन्तु इनकी मूल प्रकृति स्थिर है।
उत्कीर्णित रंगबिरंगे लकड़ी के साजसामान
कैंडी में कई कार्यशालायें हैं जहां लकड़ी की उत्तम मूर्तियाँ एवं घर के साजसामान निर्मित जाते हैं। ऐसे ही एक कार्यशाला के दर्शन मुझे भी प्राप्त हुए। वहां बनाए गए सभी वस्तुओं ने मेरा मन मोह लिया था। तथापि एक संदूक ने मुझे विशेष रूप से आकर्षित किया था। यह चित्रकारी किया हुआ अद्भुत संदूक था।
मुझे अवगत कराया गया कि यहाँ सभी कार्यशालाएं विश्व के कोने कोने में अपनी कलाकृतियाँ अपवाहन करते हैं। अतः चुनी हुई वस्तुएं आप आसानी से अपने घर पर मंगवा सकते हैं।
श्रीलंका की प्रतिष्ठित चित्रकारी
श्रीलंका के स्मृतिचिन्ह के रूप में आप यहाँ बनाए गए प्रतिष्ठित शैली के चित्र भी ले सकते हैं। ये चटक रंग में बने उज्जवल एवं विशुद्ध चित्रकलाएं हैं। अधिकतर चित्रकलाएं पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं। इनमें राजसी सवारी एवं महाकाव्यों के पात्रों की प्राधान्यता है।
इन चित्रों को देख मुझे ताम्बेकर वाडा के भित्तियों का स्मरण हो आया।
दालचीनी वृक्ष से निर्मित कटोरे
यद्यपि काष्ठ निर्मित कटोरे आप खरीद ही सकते हैं, परन्तु श्वेत और दालचीनी के रंग के चिकने कटोरे अत्यंत सुन्दर एवं अद्वितीय हैं। विक्रेता के अनुसार दालचीनी वृक्ष की छाल सर्वप्रथम दालचीनी मसाले हेतु तने से पृथक की जाती है। तत्पश्चात तने के भीतरी भाग की धूलि से इन कटोरियों को रंगा जाता है।
श्रीलंका के मुख्य मसाले, दालचीनी से रंगी कटोरी श्रीलंका की अनोखी पहचान है, एवं आपके लिए एक उत्तम स्मृतिचिन्ह।
वस्त्र
श्रीलंका वस्त्रों हेतु प्रसिद्ध है। ओडेल एवं ऐसी कई विशाल दुकानों से आप मनपसंद वस्त्रों की खरीदी कर सकते हैं।
गजशिल्प
श्रीलंका में हाथी बहुतायत में पाए जाते हैं। श्रीलंका निवासियों को अपने हाथियों पर गर्व है। इसलिए हाथियों के चित्र, आकृतियाँ, शिल्प इत्यादि हर ओर दृष्टिगोचर हैं। हाथी से सम्बंधित स्मृतिचिन्ह जो आप ले सकते हैं, वे हैं-
- सूत एवं कपास से बने हाथी शिशुओं हेतु उत्तम उपहार हैं।
- रत्नपारखियों हेतु हाथी के आकर के रत्न।
- गज अस्थियों द्वारा निर्मित आकर्षक गजशिल्प एवं मूर्तियाँ।
- लकड़ी पर नक्काशी कर निर्मित मूर्तियाँ।
- लकड़ी के साजसजावट की वस्तुएं जिन पर हाथी के चित्र अंकित हैं।
- फ्रिज पर चिपकाने हेतु हाथी के चुम्बक।
- गज के मल द्वारा निर्मित अनोखा कागज़ जो पर्यावरण का रक्षण भी करते हैं।
श्रीलंका में स्मृतिचिन्ह की खरीदी हेतु सुझाव
- श्रीलंका में खरीदी हेतु मोलभाव करना अत्यंत आवश्यक है। वस्तुओं पर अंकित मूल्य मूल मूल्य से कई गुना हो सकते हैं। यद्यपि मोलभाव की सीमा से हम बहुधा अनभिज्ञ होते हैं, तथापि अधिकतम मोलभाव का प्रयत्न कीजिये।
- लकशाला श्रीलंका सरकार द्वारा स्थापित विक्री भण्डार है जिसकी शाखाएं सम्पूर्ण श्रीलंका में उपलब्ध हैं। इस भण्डार में उपलब्ध स्मृतिचिन्हों का मूल्य निर्धारित है। आप यहाँ से निश्चिन्त हो कर मनचाही वस्तुओं की खरीदी कर सकते हैं।
- “बेयरफुट” नामक विशाल दुकान एवं इसी प्रकार की कई दुकानें हैं जहां विशिष्ट रूप से निर्मित वस्तुएं उपलब्ध हैं। परन्तु ये वस्तुएं अधिक मूल्यवान हैं।
उपरोक्त स्मृतिचिन्हों में से अधिकतर वस्तुएं श्रीलंका के विमानतल पर भी उपलब्ध हैं। यद्यपि इनके मूल्य अधिक हैं एवं मोलभाव आसान नहीं। तथापि समयाभाव के रहते यहाँ से भी स्मृतिचिन्ह खरीदे जा सकते हैं।