भगवान् बुद्ध की भव्य प्रतिमा - बोध गया - बिहार

बांका बिहार – बिहार यात्रा के प्रथम अनुभव

बिहार – जिसे एक गरीब प्रदेश के रूप में दर्शाया जाता है और इतना गरीब कि वहां के लोगों के पास खाने-पीने तक के लिए कुछ भी नहीं है। यहां के नियम कानून भी...
शनिवार वाडा पुणे

पुणे की पेशवाई धरोहर – शनिवार वाड़ा , मंदिर और बाज़ार

एक समय था जब मैं पुणे के नारायण पेठ में रहती थी। अपनी भूली बिसरी यादों को फिर से ताज़ा करने की इच्छा हुई, इसलिए पिछले साल मैंने एक बार फिर पुणे के हवा...
राष्ट्रीय संग्रहालय - नई दिल्ली

नयी दिल्ली का राष्ट्रीय संग्रहालय- १० मुख्य आकर्षण

नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय का मेरी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान है। यही वह स्थान है जहां से मुझे कला इतिहास व प्राचीन भारतीय कलात्मक क्रियाकलापों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई थी।...
कलकत्ता की पद यात्रा

कोलकाता मे बसा अंग्रेजों के ज़माने का कलकत्ता

कलकत्ता के पुराने इलाकों की सैर करते हुए आप समय के उस दौर में पहुँच जाते हैं, जब कलकत्ता अंग्रेजों का शासनकेंद्र हुआ करता था। तब सभी बड़ी-बड़ी कंपनियों के कार्यालय कलकत्ता में अपने...
जूनागढ़ दुर्ग - बीकानेर

बीकानेर का जूनागढ़ किला भारत का सर्वोत्तम रखरखाव-युक्त किला

बीकानेर के जूनागढ़ किले का दर्शन मेरे लिए किसी रहस्य से परदा उठने से कम नहीं था। मैं यहाँ यह स्वीकार करना चाहूंगी कि मैं इस किले की खूबियों से पूर्णतः अनभिज्ञ थी। बीकानेर...
वारंगल दुर्ग तेलंगाना

वारंगल दुर्ग – काकतीय वंश की विरासत

हैदराबाद शहर से 150 कि.मि. की दूरी पर बसा हुआ वारंगल दुर्ग, तेलंगाना का एक सुन्दर दर्शनीय स्थल है। यहां के मनोरम वातावरण से लगता है जैसे कि यहां पर हर समय लोगों की...
जागेश्वर मंदिर परिसर

जागेश्वर धाम – कुमाऊं घाटी में बसे शिवालय

उत्तरांचल के जंगलों से भरपूर पहाड़ी पर जागेश्वर अथवा नागेश के रूप में शिवालय है जागेश्वर धाम। मैंने इससे पूर्व उत्तरांचल के कुमाऊं क्षेत्र में पत्थरों से निर्मित मंदिरों की तस्वीरें देखीं थीं। उनके...
अष्टमुडी झील

अष्टमुडी झील – केरल के विशाल जल सरोवर का भ्रमण

कन्याकुमारी और तिरुवनंतपुरम से वापस घर लौटते समय केरला के कोल्लम शहर के पास स्थित अष्टमुडी झील के किनारे बिताए गए पूरे दो दिन सच में बहुत यादगार रहे। गूगल पर दिखाये गए नक्शे...
डॉ गंगुबाई हंगल

गंगुबाई हंगल – हुबली धारवाड़ से निकली एक संगीत धारा

धारवाड़ - हुबली जाने के पीछे मेरा बस एक ही कारण रहा है और वह है, प्रख्यात गायिका डॉ. गंगुबाई हंगल के बारे में थोड़ा और जानने की मेरी इच्छा। उनका देहांत होने के...
चिक्कल कालो उत्सव - गोवा

चिक्कल कालो – गोवा में वर्षा ऋतू का उत्साहपूर्ण माटी उत्सव

गोवा के अनेक ऐसे उत्सव हैं जिन्हें केवल गोवा में ही मनाया जाता है। चिक्कल कालो ऐसा ही एक उत्सव है। यह त्यौहार आषाढ़ मास १२वीं तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी दैनन्दिनी अनुसार...

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