कण्वाश्रम – सम्राट भरत की जन्मस्थली उत्तराखंड में मालिनी के तीर पर
इंडिया, आमतौर पर इस नाम से संबोधित हमारा देश वस्तुतः भारत अथवा भारतवर्ष है। इस नाम का सम्बन्ध सम्राट भरत से है। क्या आप सम्राट भरत की जन्मस्थली के विषय में जानते हैं? उनकी...
ऋषिकेश की ८४ कुटिया – महर्षि महेश योगी आश्रम के अवशेष
८४, यह अंक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण अंक है। ऐसा माना जाता है कि इस धरती पर लगभग ८४ लाख प्रजातियाँ हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार जीवात्मा ८४ लाख योनियों में...
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान – चीला आरक्षित वन के वन्यजीवन का आनंद उठायें
मैंने अपने जीवन में अनेकों बार ऋषिकेश की यात्रा की है। हर बार राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का दर्शन किसी ना किसी कारणवश छूट जाता था। इस बार जब में हरिद्वार गयी, मुझे गढ़वाल मंडल...
बिनसर कुमाऊँ में वैभवशाली हिमालय के दर्शन
उत्तराखंड प्रदेश के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित झंडी धार पहाड़ियों के मध्य स्थित बिनसर, भव्य हिमालय पर्वत श्रंखला के अप्रतिम परिदृश्यों से परिपूर्ण है। बिनसर एक वन्य जीव अभ्यारण्य है। प्राचीनकाल में यह चन्द्र...
कुमाऊँ घाटी की रहस्यमयी झीलें- भीमताल, सातताल, नौकुचिया ताल
उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में बसा नैनीताल, यात्रियों का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हिमालय पर चमचमाते माणिक की तरह चमकता यह शहर देशी व विदेशी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। हरे भरे...
मुक्तेश्वर धाम – कुमाऊँ पहाड़ों के न भूलने वाले दृश्य
उत्तरांचल को देवभूमि कहा जाता है। सच मानिये इसमें किंचित भी आतिशयोक्ति नहीं। कुमाऊं व गढ़वाल मंडलों में बंटी, हिमालय पर्वत श्रन्खलाओं से घिरी, ये अप्रतिम घाटियों केवल देवों की भूमि, स्वर्ग ही हो...
जागेश्वर धाम – कुमाऊं घाटी में बसे शिवालय
उत्तरांचल के जंगलों से भरपूर पहाड़ी पर जागेश्वर अथवा नागेश के रूप में शिवालय है जागेश्वर धाम। मैंने इससे पूर्व उत्तरांचल के कुमाऊं क्षेत्र में पत्थरों से निर्मित मंदिरों की तस्वीरें देखीं थीं। उनके...