“चैती” एक ऋतु की लोक गायन शैली से परिचय
हिन्दुस्तानी संगीत के तीन मुख्य स्वरूप है –लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत और उपशास्त्रीय संगीत।
'लोक' शब्द संस्कृत के 'लोकदर्शने' धातु में 'घञ् प्रत्यय लगाकर बना है, जिसका अर्थ है - देखने वाला। साधारण जनता के...
संत कबीर का काव्य, भक्ति, दर्शन और जीवन परिचय
संत कबीर १५ वीं. शताब्दी के अंत से १६ वीं. शताब्दी के आरंभ तक की समयावधि में एक जुलाहा होने के साथ साथ एक प्रसिद्ध संत कवि थे। यह भारत में भक्ति आंदोलन का...
रसिकप्रिया- कवि केशवदास कृत बुंदेली गीत गोविन्द
गीत गोविन्द के नाम से परिचित न हो ऐसा कोई मनुष्य विरले ही होगा। बारहवीं शती में जयदेव कवि द्वारा रचित यह ग्रन्थ श्रृंगार रस स्वरुप का परिचायक है। एक एक अष्टपदी में जिस प्रकार...
सुप्रसिद्ध राम भजन जो राम नाम में ओत-प्रोत कर दें
भारत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्वों में एक पर्व है दीपावली। दीपावली अर्थात् घरों का रंग रोगन व सजावट, नवीन वस्त्रों की खरीदी, व्यापारियों का नवीन वित्तीय वर्षारंभ, भिन्न भिन्न मिष्टान्न व पक्वान्न, पटाखे, गुलाबी...
बादामी, ऐहोले, पत्तदकल – एक कविता, एक प्रेरणा
जब आप पत्थरों पे कवि की कविता लिखी देखते हैं तो कभी कभी उस कविता का कथन इतना प्रभावशाली होता है की आप के अन्दर भी एक कविता फूट पड़ती है। कुछ ऐसा ही...
मोढेरा का सूर्य मंदिर
मोढेरा का सूर्य मंदिर
कर्क रेखा पे
अपने ईष्ट देव की और
मुहँ बाये कमल पट्ट पे खड़ा
मोढेरा का सूर्य मंदिर
पुष्कारणी में माला से
गूँथे हैं छोटे बड़े मंदिर
जिनकी छवि से हैं खेलते
जल जन्तु कच्छ और मच्छ
सभा मंडप...
आजकल – दिल्ली पे लिखी एक कविता
आजकल तुम पाओगे मुझे
दिल्ली की गलिओं में खाक छानते हुए
इधर उधर कूचों में झाँकते हुए
सदियों पुराने चबूतरों पे बैठे हुए
इस दरगाह से उस मज़ार जाते हुए
यहाँ वहाँ बिखरे मक़बरों को ताकते हुए
देखते, कल और...