भारत के दूसरे प्रधानमंत्री हमारे प्रिय नेता जिनका स्मरण हम अक्सर भूल जाते हैं, श्री लाल बहादुर शास्त्री उत्तर प्रदेश से हैं। देश उन्हें सादा जीवन एवं उच्च विचारों के लिए जानता है। उनका गाँव रामनगर गंगा के तट पर स्थित है, काशी के प्रसिद्द घाटों के ठीक सामने| यहाँ पर उनकी याद में समर्पित एक स्मारक है – वो घर या झोपड़ी जहाँ उन्होंने जन्म लिया और अपने बचपन के दिन व्यतीत किये।
मुझे याद है जब हम अपने विद्यालय में लाल बहादुर शास्त्री जी पर निबंध लिखते थे तो हमने पढ़ा था कि वो अपने विद्यालय जाने के लिये तीन किलोमीटर की दूरी गंगा को तैर कर पार करते थे। जब मैं रामनगर के महल की छत पर खड़ी थी तो मुझे लग रहा था कि अब भी वो नन्हा बालक विद्यालय जाने के लिये गंगा की लहरों पर तैरता हुआ बनारस के चंद्रनुमा घाटों को पार कर रहा है।यह मुझे उस बच्चे के चरित्र से अवगत करा रहा था जो अपने आप को शिक्षित करने के लिये कड़ा परिश्रम करता था।
लाल बहादुर शास्त्री जी का पैतृक घर
आज शास्त्रीजी का पैतृक घर उनके चित्रों से भरा पड़ा है जिसकी देखभाल एक बैंक करता है। देखने मैं ये घर आपको बहुत छोटा लगेगा, लेकिन आपको यह जान कर आश्चर्य होगा की यह घर शास्त्रीजी के मौलिक घर से बहुत बड़ा है। उनका मूल घर केवल एक कमरे का है और वो भी उनके समय में मिटटी से बना हुआ था। देखा जाये तो यह एक कच्चा घर था, शेष कमरों का निर्माण बाद में किया गया है।
क्या यह विडम्बना नहीं है की एक स्मारक उस व्यक्ति की तुलना मैं एक बड़ा स्थान प्राप्त करता है जिसका स्मारक यह है?
राष्ट्रीय नेताओं की याद में जितने भी भवन आप देखेंगे उनमें से यह भवन सबसे साधारण है। यहाँ पर लाल बहादुर शास्त्री की एक तस्वीर उनके परिवार के साथ है और दूसरी जिसमें वो आपनी पत्नी के साथ हवाई जहाज मैं काम करते हुए दिखाई देते हैं, जब वह प्रधानमंत्री पद पर थे।
लाल बहादुर शास्त्री की एक मूर्ति रामनगर के प्रसिद्द महल के पास एक चौराहे पर है। यही एक चिन्ह है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को रामनगर और शास्त्री जी के सम्बन्ध से अवगत करता है और कहता है क्या आप इस मिटटी का लाल के उसके घर को देखना चाहेंगे।
इश्वर से प्रार्थना है की शास्त्रीजी को इस देश के स्मृति पटल पर उनकी कर्मठता के लिए उचित स्थान प्राप्त हो। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्तोत्र है।
लाल बहादुर शास्त्री जी का एक समरक दिल्ली में भी है, उस घर में जो उनका प्रधान मंत्री के रूप में अधिकारिक निवास था – मोती लाल नेहरु मार्ग पर। यहाँ भी मुझे बचपन में एक बार जाने का अवसर मिला था, और शास्त्री जी की पत्नी ललिता जी से भी मिलने का अवसर मिला था। परन्तु तब में इतनी छोटी थी की इस भेंट का महत्व नहीं जानती थी।
शास्त्री जी के जीवन के बारे में आप इस वेबसाइट पर विस्तार से पढ़ सकते हैं।
भारत के अन्य अन्य रोचक समारक
द्रास युद्ध स्मारक – कारगिल – जहां भावनाएं हिलोरें मारती हैं
ले कोर्बुसिएर केंद्र – चंडीगढ़ के सृजक को श्रद्धांजलि
नयी दिल्ली का राष्ट्रीय संग्रहालय- १० मुख्य आकर्षण
पटना – ऐतिहासिक पाटलीपुत्र का वर्तमान स्वरूप
आगा खान महल – पुणे में महात्मा गाँधी का कारावास