नव गौरी यात्रा – वाराणसी की नवरात्री
काशी मंदिरों की नगरी है। यहाँ अनेक धार्मिक यात्राएँ की जाती हैं। मैंने इससे पूर्व काशी की नवरात्रि नवदुर्गा यात्रा , इस विषय पर अपनी यात्रा संस्मरण प्रकाशित की थी। काशी में यह देवी...
चम्बल नदी – भारत की स्वच्छतम नदी एवं उसका बीहड़
चम्बल की घाटी! जैसे कि इसके नाम से ही विदित है, चम्बल घाटी चम्बल नदी के तट पर स्थित है। उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश को प्राकृतिक रूप से विभक्त करती चम्बल नदी ऐसी...
बिसरख – रावण का जन्मस्थान ग्रेटर नोएडा का प्राचीन गाँव
बिसरख, यह नाम ऋषि विश्रवा के नाम से व्युत्पत्त है। काल के साथ अपभ्रंशित होते हुए यह नाम बिसरख में परिवर्तित हो गया। ऋषि विश्रवा दशमुख रावण के पिता थे। कुछ सूत्रों के अनुसार...
शिल्प संग्रहालय – ट्रैड फैसिलिटेशन सेंटर (पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल)
विश्व की प्राचीनतम जीवंत नगरी वाराणसी में जब से नवनिर्मित ट्रैड फैसिलिटेशन सेंटर का क्रियान्वय हुआ है, तब से वह प्रशंसा का विषय बना हुआ है। यहाँ तक कि हमने भी अपनी ‘यात्रा सम्मलेन’...
वाराणसी के गंगा घाट भक्ति से ओतप्रोत
वाराणसी, गंगा नदी के तट पर बसा विश्व का प्राचीनतम नगर! वाराणसी का नाम लेते ही नेत्रों के समक्ष मनमोहक गंगा घाट एवं मंदिरों से अलंकृत एक अद्भुत आध्यात्मिक नगर का दृश्य प्रकट हो...
गंगा तट पर रामनगर दुर्ग वाराणसी का एक दर्शनीय स्थल
काशी अथवा वाराणसी, बाबा विश्वनाथ की पवित्र नगरी, भगवान शिव जिसके राजा माने जाते हैं। काशी या वाराणसी की पावन नगरी में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में पर्यटक, दर्शनार्थी, तीर्थयात्री एवं भक्तगण आते हैं।...
काशी की नवरात्रि नवदुर्गा यात्रा
नवदुर्गा यात्रा! स्कन्द पुराण के काशी खंड में लिखा है कि हमें नवरात्रि में नवदुर्गा यात्रा करनी चाहिए, विशेषतः शरद नवरात्रि में जो आश्विन मास में आती है। अतः, इस समय जब मैं काशी...
काशी विश्वनाथ मंदिर काशी यात्रा का केंद्र बिंदु
काशी विश्वनाथ मंदिर अनेक तीर्थ यात्राओं का केंद्र बिंदु है। हृदय है। भारत में स्थित भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक, काशी विश्वनाथ मंदिर को सर्वाधिक महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग माना जाता है। वाराणसी...
सोना रूपा कलाबत्तू – वाराणसी की लोकप्रिय ज़री बुनाई
रेशमी साड़ियाँ स्त्रियों में अत्यंत लोकप्रिय हैं। इनकी कोमलता, सौम्य कांति तथा विविधता सदियों से स्त्रियों को आकर्षित करती रही हैं। उन पर किया गया ज़री का काम उनकी शोभा को द्विगुणीत कर देता...
नृसिंह जयंती कैसे मनाई जाती हैं ब्रज भूमि में
वैष्णव संप्रदाय के अंतर्गत चार मुख्य जयंती व्रत एवं उत्सवों को अत्यधिक मान्यता दी गई है। यह चार जयंती व्रत क्रमशः है जन्माष्टमी, वामन जयंती, राम नवमी और नृसिंह जयंती। वैष्णव संप्रदाय के सिद्धांत...